वैक्सीन की कमी की वजह से मंगलवार को सीमित क्षेत्रों में और निजी अस्पतालों में ही टीकाकरण अभियान सिमटा नजर आया। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में गिनती के शासकीय केंद्रों में लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अनुमान है कि अगले दो दिन बाद यह अभियान पुन: गति पकड़ेगा क्योंकि गुरुवार तक वैक्सीन की दूसरी खेप पहुंचने की संभावना है। प्रदेश में तेजी के साथ चल रहे टीकाकरण अभियान को वैक्सीन संकट ही प्रभावित कर रहा है। 21 जून से केंद्र सरकार की सप्लाई के साथ चल रहे इस अभियान के लिए चार दिन पहले ही ढाई लाख वैक्सीन की खेप आई थी जो मंगलवार को टीकाकरण के बाद प्रदेश के पास लगभग 80 हजार के आसपास वैक्सीन बाकी रह गई थी। वैक्सीन नहीं होने की वजह टीका केंद्रों की संख्या प्रदेश में घटकर एक हजार के आसपास कर दी गई थी।

सूत्रों के मुताबिक राजधानी समेत निजी अस्पतालों द्वारा अपनी निजी व्यवस्था के तहत टीकाकरण का अभियान जारी रखा गया। वहीं जिलों में जिन केंद्रों में टीके का स्टाक था उसके माध्यम से वैक्सीनेशन पूरा किया गया। सूत्रों के मुताबिक आज प्रदेश में करीब चालीस हजार लोगों को टीके लगाए गए। इसके बाद जिलों में करीब उतने डोज ही बाकी रह गए हैं जिसके माध्यम से वैक्सीनेशन पूरा किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार से वैक्सीनेशन फिर सामान्य तरीके से चलेगा। हालांकि दूसरी खेप में जितना टीका आएगा उसे भी अगले तीन-चार दिनों का स्टाक माना जा रहा है।

रायपुर में एक हजार टीका

एक ही दिन में करीब चालीस हजार लोगों को टीका लगाने वाले रायपुर जिले में आज करीब 11 सौ लोगों को टीका लगाया गया है। इसमें पांच निजी क्षेत्रों का वैक्सीनेशन शामिल है। बची हुई वैक्सीन का उपयोग धरसींवा और मांढर में भी किया गया। शहरी इलाके में बनाए गए किसी भी केंद्र में टीका नहीं लगाया गया।

बालोद-जीपीएम में शून्य

कोविन पोर्टल एप के मुताबिक सोमवार को बालोद और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में एक भी वैक्सीनेशन नहीं हुआ। वहीं महासमुंद 10, मुंगेली 30, बिलासपुर में 203, बलौदाबाजार में 257, गरियाबंद में 388, कवर्धा में 419, रायगढ़ में 11 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया। बुध‌वार को यह संख्या भी कम होने का अनुमान है।

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