रायपुर. छत्तीसगढ़ में खाद की कमी को लेकर अब राजनीतिक घमासान चरम पर है. राज्य सरकार की ओर से बताई गई कमी को झूठा साबित करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह ने सरकार पर कालाबाजारी-जमाखोरी को बढ़ावा देने और जानबूझ कर खाद की कमी को प्रचारित करने का गंभीर आरोप लगाया.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में खाद की कमी को लेकर सरकार के प्रवक्ता और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्र पर मांग के अनुरूप सप्लाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार जानबूझ कर छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा तीन लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद की मांग को लेकर केंद्र को पत्र भी लिखा गया.

इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. जिसमें जानबूझ कर खाद की कमी को प्रचारित करना बताया. इन आरोपों पर सोमवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने आकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2021 में यूरिया की आवश्यकता 5.50 लाख मीट्रिक टन है. इसी के अनुरूप, 1 अप्रैल 2021 से 02 जुलाई 2021 तक 2.29 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता थी. मांग के अनुसार उर्वरक विभाग ने 1.91 लाख मीट्रिक टन के ओपनिंग स्टॉक सहित 4.10 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए सुनिश्चित की. इस दौरान यूरिया की बिक्री 2.40 लाख मीट्रिक टन रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में 2 जुलाई 2021 को क्लोजिंग स्टॉक 1.69 लाख मीट्रिक टन है और छत्तीसगढ़ में इस सीजन में यूरिया की उपलब्धता पर्याप्त है.

जुलाई माह का जिक्र करते हुए कहा कि जुलाई 2021 माह के लिए 1.40 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है, जिसे देखते हुए उर्वरक विभाग ने 1.42 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति योजना जारी की है. 2 जुलाई 2021 को राज्य में 1.81 लाख मीट्रिक टन ( 1.75 लाख मीट्रिक टन के ऑपनिंग स्टॉक सहित) की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. इस दौरान यूरिया की बिक्री 0.12 लाख मीट्रिक टन रही है. राज्य में 2 जुलाई 2021 तक क्लोजिंग स्टॉक 1.69 लाख मीट्रिक टन है.

डॉ रमन सिंह ने उठाए सवाल
रमन सिंह ने कहा कि अचानक सीएम भूपेश बघेल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर डेढ़ लाख मीट्रिक टन यूरिया और डेढ़ लाख मैट्रिक टन डीएपी खाद की मांग कर रहे हैं. भूपेश बघेल सरकार को उत्तर देना चाहिए कि आखिर केन्द्र सरकार द्वारा जब पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति की जा रही है, फिर अचानक तीन लाख मैट्रिक टन की खाद की आवश्यकता राज्य को क्यों पड़ गई. केन्द्र द्वारा भेजे गये उर्वरक का आखिर क्या हुआ, जो आज किसान खाद की कमी को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है सरकार
राज्य सरकार पर जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के डाटा को देखने से सीधा समझ आता है कि सरकार कैसे खाद की जमाखोरी कर कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है.

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