रक्षाबंधन का त्योहार बहन-भाई के बीच प्रेम का प्रतीक है। इसमें बहन भाई को तिलक लगाकर उसके दीर्घायु की कामना करती है। भाई भी जीवन भर बहन के सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करता है और स्नेह स्वरूप बहन को उपहार भी देता है। इस त्योहार को प्राचीन काल से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस पर्व को हिंदी पंचांग के श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पूर्णिमा के दिन मनाएं जाने कि वजह से कई जगह इसे राखी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को है। आइये जानते हैं
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 21 अगस्त 2021 की शाम 07 बजे से
पूर्णिमा तिथि समापन: 22 अगस्त 2021 की शाम 05 बजकर 31 मिनट तक
शुभ मुहूर्त: 06 बजकर 15 मिनट सुबह से शाम 05 बजकर 31 मिनट तक
रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त: 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक
रक्षा बंधन की समयावधि: 11 घंटे 16 मिनट
रक्षाबंधन को बांधते वक्त इस मंत्र का जाप करें
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
इस मंत्र के शाब्दिक अर्थ में बहन रक्षासूत्र बांधते वक्त कहती है कि जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। हे रक्षे (राखी) तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना। इसी कामना के साथ बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।