1975 में एक फिल्म रिलीज हुई थी, इस फिल्म के बाद इस एक्ट्रेस को देखने को नजरिया ही बदल गया. लोग उनसे आशीर्वाद मांगने लगे और तो और सड़क पर कहीं नजर आ जाएं तो उनके पांव छूने लगते थे.नई दिल्ली: 

बात 1975 की है. एक फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई. बजट फिल्म का बहुत कम था. लेकिन फिल्म ने रिलीज होते ही दर्शकों के दिलों में गहरे तक जगह बना ली थी. अब ठहरा 1970 का दशक. फिल्म को लेकर धीरे-धीरे क्रेज जनता में फैला और एक ऐसा समय आया कि सिनेमाघरों में हाउसफुल के बोर्ड नजर आने लगे. मुंबई के सिनेमाघरों में पास के ग्रामीण इलाकों के लोग बैलगाड़ियों में बैठकर शो देखने आने लगे. लोग सिनेमाघरों के बाहर मिठाई बांटते नजर आते तो श्रद्धा ऐसी कि सिनेमाघर के अंदर जाने से पहले जूते-चप्पल बाहर ही उतारकर जाते. शायद इस तरह का क्रेज शायद ही कभी किसी फिल्म के लिए देखा गया हो. फिल्म ने सिनेमाघरों में गोल्डन जुबली मनाई. 25 लाख रुपये के मामूली बजट वाली इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 5 करोड़ रुपये की कमाई की है.

हम बात कर रहे हैं 30 मई, 1975 की ‘जय संतोषी मां’ फिल्म की. इस फिल्म को विजय शर्मा ने डायरेक्ट किया था जबकि इसके कहानी आर. प्रियदर्शी ने लिखी थी. फिल्म के प्रोड्यूसर सतराम रोहरा थे. फिल्म में लीड रोल में कानन कौशल, भारत भूषण, आशीष कुमार, अनिता गुहा, त्रिलोक कपूर और कबीर खान थे. ‘जय संतोषी मां’ फिल्म का म्यूजिक भी काफी लोकप्रिय हुआ था. म्यूजिक सी. अर्जुन का था.

‘जय संतोषी मां’ में अनिता गुहा ने संतोषी मां का किरदार निभाया था. यही फिल्म थी जिसकी वजह से पूरे देश में संतोषी मां की महिमा लोगों को जानने को मिली. इस किरदार ने अनिता गुहा को घर-घर में लोकप्रिय बना दिया. उस समय आलम यह हो गया था कि फैन्स कई बार अमिता गुहा के घर पहुंच जाते थए और उनसे आशीर्वाद मांगने लगे थे. यही नहीं, सड़क पर मिल जाएं तो उनके पांव छूने लगते थे. अनिता गुहा ने अपने करियर में कई फिल्में की लेकिन यादगार जय संतोषी मां ही रही.

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