किसान बीते एक साल से अब अपने आपको जीवित बताने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है. सम्मान निधि के पैसे लॉकडाउन से ही नहीं आ रहे हैं.

मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहली में एक किसान को सरकारी तंत्र ने मृत घोषित कर दिया, ऐसे में अब किसान अपने आपको जीवित बताने के लिए दर-दर भटक रहा है. मामला रहली के खेजरा बरखेरा गांव का है. जहां किसान को 2019 में सरकार से किसान सम्मान निधि स्वीकृत हुई और तीन साल तक मिली भी पर अचानक 2022 में किसान सम्मान निधि यह बताते हुए बंद कर दी कि उनकी मौत हो गई है.

एक साल से काट रहा किसान जीवित बताने के  लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर

किसान बीते एक साल से अब अपने आपको जीवित बताने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है. खेजरा बरखेरा के रजवास मौजे में किसान राजू पटेल पिता गोपी पटेल की करीब एक एकड़  जमीन है. शासन की तरफ से राजू को एक साल मे तीन बार दो-दो हजार रुपये मिला करते थे.साल 2019 से 2021 में राजू पटेल के खाते में किसान सम्मान निधि तो आई पर साल 2022 में आना बंद हो गई.

लॉकडाउन से ही नहीं आ रहे सम्मान निधि के पैसे

किसान राजू पटेल ने बताया कि मेरी सम्मान निधि के पैसे लॉकडाउन से नहीं आ रहे हैं. मैंने सब कार्रवाई की है, जिसने जैसा बोला. मुझसे पटवारी ने कहा कि आप मृत घोषित हो. मैंने कहा कि मैं स्वयं खड़ा हूं.  मैंने उनसे पूछा कि कोई उपाय बताएं तो बोलने लगे इसमें समय लगेगा. मैं गरीब आदमी हूं मैंने बहुत हाथ पांव मार लिए. मेरी 10 किश्तें आईं, उसके बाद नहीं आई. इस संबंध में जब अधिकारियों से जानकारी चाही तो उन्होंने गलती तो स्वीकारी परंतु कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. फिलहाल किसान अभी भी परेशान हैं.

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