रायपुर:-  कोरोना काल में बंद स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लास के भरोसे है और अब कुछ निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास में स्कूल ड्रेस में उपस्थिति के हैरतअंगेज़ फरमान से पालकों की परेशानी बढ़ गई है। स्कूलो में यह विद्यार्थियों में अनुशासन लाने की एक प्रक्रिया है। विगत 15 महीने से स्कूल बंद होने की कारण से बच्चे अपनी पढ़ाई ले-देकर ऑनलाइन तरीके से पूरी कर रहे हैं। इसी बीच निजी स्कूलों द्वारा आने वाले आदेश बच्चों के साथ पालकों के भी परेशानी की वजह बन जाते हैं।

15 जून से ऑनलाइन क्लास शुरू होने के साथ ही पालकों पर फीस जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा नहीं करने पर तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाए जाने लगे हैं। इसी बीच राजधानी स्थित वीर छत्रपति शिवाजी इंग्लिश मीडियम स्कूल सहित कुछ अन्य निजी स्कूलों के एक आदेश ने पालकों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। इन स्कूलों द्वारा बच्चों को ऑनलाइन क्लास में भी स्कूल यूनिफार्म पहनकर शामिल होने का आदेश दिया है। घर में बैठकर भी पढ़ाई करने के दौरान स्कूल ड्रेस की अनिवार्यता पालकों की समझ से परे है। स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि पिछले अनुभवों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उस दौरान कक्षाएं अव्यस्थित प्रतीत होती थीं। स्कूल ड्रेस में कक्षाओं में शामिल होना एक अनुशासनात्मक प्रक्रिया है।

पेरेंट्स का रिस्पांस

वीर छत्रपति शिवाजी इंग्लिश स्कूल के संचालक मुकेश शाह के मुताबिक पिछले अनुभव के आधार पर ऐसी व्यवस्था की गई है। इसकी अनिवार्यता का आदेश जारी नहीं किया गया। ड्रेस पहनकर पढ़ाई से स्कूली माहौल मिलता है। बच्चों के पालकों द्वारा इस पर अच्छा रिस्पांस दिया जा रहा है।

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