पंजाब में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने उन पर पलटवार किया. आप सांसद राघव चड्ढा ने रक्षा मंत्री को पंजाब की जगह मणिपुर की चिंता करने की सलाह दी.

नई दिल्‍ली: 

पंजाब में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर आम आदमी पार्टी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणी को लेकर आप ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि वह पंजाब के बारे में चिंतित हैं, लेकिन मणिपुर की स्थिति से पूरी तरह बेखबर हैं. आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने के बाद सीमावर्ती राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में “महत्वपूर्ण सुधार” देखा गया है. चड्ढा ने कहा, “मुझे लगता है कि राजनाथ सिंह को पंजाब के बारे में गलत जानकारी मिली है. पंजाब में भगवंत मान सरकार के तहत कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है.”

राघव चड्ढा ने कहा, “पंजाब में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पिछले कुछ दशकों की तुलना में काफी बेहतर है.” आप नेता ने केंद्रीय मंत्री को मणिपुर में हिंसा की भी याद दिलाई, जो भाजपा शासित राज्य है. आप सांसद चड्ढा ने कहा, “मैं रक्षा मंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह देखें कि मणिपुर जल रहा है, लाखों लोग बेघर हैं और हजारों लोग मारे गए हैं. इसलिए अन्य राज्यों की ओर इशारा करने से पहले इसकी (हिंसा) जिम्मेदारी लें.”

राजनाथ सिंह पर हमला बोलते हुए चड्ढा ने दिल्ली में हाल की हत्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में “अपराध का ग्राफ” बढ़ रहा है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “दिल्ली में कानून-व्यवस्था और पुलिस, केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है. यहां हर दिन हत्या, बलात्कार और डकैती होती है. दिल्ली में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है.”

दरअसल, राजनाथ सिंह ने शनिवार को चंडीगढ़ में कहा था कि पंजाब सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है. कानून-व्यवस्था संभालने की पहल करना सरकार का मुख्य काम है, लेकिन यह सरकार विफल रही.

आप सांसद ने तर्क दिया, “भाजपा के अधिकार क्षेत्र में आने वाले दिल्ली और मणिपुर दोनों में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है.” बता दें कि पिछले कुछ समय से दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा और आप के नेता जुबानी जंग कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आती है.

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