विश्व आदिवासी दिवस आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए आज ही के दिन यानी 9 अगस्त को प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। पुरे विश्व में इस दिन इस दिवस को मनाने के लिए सबसे पहली बार शुरुआत सयुंक्त राज्य अमेरिका में 1994 में मनाया गया था। पुरे विश्व में इस दिन एक साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार 1994 को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी वर्ष घोषित किया था। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं विश्व आदिवासी दिवस 2021 की थीम है “किसी को पीछे नहीं छोड़ना: स्वदेशी लोग और एक नए सामाजिक अनुबंध का आह्वान”।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के लोग सदैव प्राचीन समय से संस्कृति-परंपराओं एवं प्रकृति के संरक्षक रहे हैं। इतिहास गवाह है कि समय आने पर वे देश की रक्षा के लिए आक्रमणकारियों के खिलाफ उठ खड़े हुए और बलिदान भी दिया। इस समाज में बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बादल भोई, टंटया भील जैसे महान लोग अवतरित हुए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति दे दी। इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करती हूं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेशवासियों विशेषकर आदिवासी समाज के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।सीएम बघेल ने कहा कि जनजातियों के विकास और हित को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बीते ढाई साल में कई अहम फैसले लिये हैं। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन की वापसी, जेलों में बंद आदिवासियों के मामलों की समीक्षा, जिला खनिज न्यास के पैसों से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार, बस्तर और सरगुजा में कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना, हाट बाजारों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने जैसे कई प्रयास आदिवासी समाज की बेहतरी के लिए किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस पर सामान्य अवकाश घोषित किया हैै। प्रदेश में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया।