सपनों के शहर मुंबई में घूमने के लिए काफी कुछ है। यहां चाइनीज मंदिर से लेकर नीली मस्जिद तक, कुछ ऐसी जगह मिल जाएगी जो छिपी हुई हैं। जिन्हें घूमने की प्लानिंग आपको ‘विश्व पर्यटन दिवस’ के दिन करनी चाहिए।

रोजाना की बिजी लाइफ से थकने के बाद लोग घूमने-फिरने की प्लानिंग करते हैं। घूमने-फिरने से सेहत पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है। जब आप घूमने के लिए जाते हैं तो आप पूरी तरह से रिफ्रेश हो जाते हैं। भारत में घूमने के लिए काफी सारी जगह हैं, जिन्हें देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं। आज यानी 27 सितंबर को वर्ल्ड ट्यूरिज्म डे है।  विश्व पर्यटन दिवस (world tourism day) लोगों में घूमने के प्रति जागरूकता लाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।पर्यटन से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। कुछ देशों की आर्थिक स्थिति पर्यटन पर ही निर्भर करती है। ऐसे में यहां हम बता रहे हैं मुंबई की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां पर लोग म ही पहुंचते हैं।

हॉली नेम का कैथेड्रल

यह चर्च भले ही बांद्रा के माउंट मैरी कैथेड्रल जितना फेमस न हो लेकिन मुंबई के सबसे खूबसूरत चर्चों में से एक है। इसके बाहरी हिस्सों को आश्चर्यजनक रूप से डिजाइन किया गया है।

 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मौद्रिक संग्रहालय

आरबीआई के पास एक मौद्रिक संग्रहालय है जो बिना किसी संदेह के विजिटर्स के लिए एक बड़ा आकर्षण है। यहां आपको देश में सिक्के और मुद्रा के विकास के बारे में दिलचस्प कहानियां दिखेंगी।

 

निप्पों जान म्योहोजी जापानी बौद्ध मंदिर

ये मंदिर मुंबई के वर्ली में है। इस मंदिर में निचेरिन बौद्ध धर्म फॉलो किया जाता है। छोटी सी जगह में मोंक बैठ कर प्रार्थना करते हैं, जिसे शांति के मंत्र के रूप में जाना जाता है। यहां का वातावरण और पॉजिटिव वाइब्स लोगों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते हैं।

वैश्विक विपश्यना शिवालय

ग्लोबल विपश्यना पैगोडा एक ध्यान गुंबद हॉल है, जिसमें मुंबई, महाराष्ट्र, भारत के उत्तर-पश्चिम में गोराई के पास लगभग 8,000 विपश्यना साधकों के बैठने की जगह है। पगोडा का उद्घाटन 8 फरवरी को भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने किया था। शांति और सद्भाव का स्मारक बोरीवली पश्चिम के गोराई गांव में स्थित है।

 

ब्लू मस्जिद

मोहम्मद अली रोड पर स्थित ये मस्जिद, चमचमाती नीली फारसी टाइलों का इस्केमाल करके बनाई गई है, इसमें एक तालाब भी है। मस्जिद के अंदर दीवारों के लिए गोमेद और ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है और इन दीवारों पर पवित्र कुरान की आयतें खुदी हुई हैं।

कुआं कुंग मंदिर, चाइनीज टेम्पल

मझगांव डॉकयार्ड क्षेत्र में स्थित ये मंदिर शहर में एकमात्र चीनी मंदिर 1919 में बनाया गया था, जो 1950 और 60 के दशक में मुंबई में चीनी समुदाय के अस्तित्व का प्रतीक था। ये सुनहरे रंग की नक्काशी के साथ लाल रंग का है।

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