*धमतरी की चन्द्रिका ने अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन किया तो बस्तर की गायत्री को मिला आभार प्रदर्शन का मौका, गरियाबंद की हुलसी ने किया अतिथियों का स्वागत*
*ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली में किया “नई चेतना” अभियान का शुभारंभ*
*शुभारंभ कार्यक्रम में बस्तर में चल रहे जेंडर परिवार चौपाल कार्यक्रम पर आधारित डॉक्युमेंट्री का हुआ प्रदर्शन*
*लैंगिक भेदभाव के विरूद्ध 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक देशभर में चलेगा विशेष अभियान “नई चेतना – पहल बदलाव की”लैंगिग भेदभाव के विरूद्ध राष्ट्रीय अभियान “नई चेतना” के आज नई दिल्ली में शुभारंभ कार्यक्रम में प्रदेश की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) की महिलाओं ने सक्रिय सहभागिता दी। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री गिरिराज सिंह के मुख्य आतिथ्य में संपन्न शुभारंभ कार्यक्रम में धमतरी की चन्द्रिका साहू ने अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलन किया। बस्तर की गायत्री लोन्हारे को मंच पर आभार प्रदर्शन का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने लैंगिक समानता के लिए अपने काम के अनुभव भी साझा किए। वहीं गरियाबंद के छुरा विकासखंड की रानी परतेवा गांव की हुलसी ध्रुव ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में लैंगिक भेदभाव को दूर करने बस्तर में संचालित जेंडर परिवार चौपाल पर आधारित डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। ‘बिहान’ के जेंडर संसाधन केंद्रों के माध्यम से प्रदेश भर में महिलाएं परिवार और समुदाय में लैंगिक भेदभाव के विरूद्ध काम कर रही हैं।
लैंगिग भेदभाव के विरूद्ध देशभर में विशेष अभियान “नई चेतना – पहल बदलाव की” 25 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक संचालित की जा रही है। आज नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इसके शुभारंभ कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्रीद्वय श्री फग्गन सिंह कुलस्ते और साध्वी निरंजन ज्योति तथा केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल भी मौजूद थे। देशभर से पहुंची राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूहों की महिलाएं भी कार्यक्रम में शामिल हुईं। महिला समूह से जुड़ी बस्तर की सुकदाई कश्यप, कांकेर की जयंती चक्रधारी, बस्तर के डीपीएम श्री निलेश लखेरा और गरियाबंद के डीपीएम श्री पतंजलि मिश्र भी नई दिल्ली में शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से अलग-अलग स्थानों से प्रदेश की स्वसहायता समूहों की महिलाएं और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यालय के अधिकारी भी कार्यक्रम से जुड़े।