छत्तीसगढ़ : राजधानी रायपुर से नौ माह से लापता महिला सिपाही वृंदावन में पूजन सामग्री बेचकर दिन गुजार रही थी। अधिकारियों के शोषण से आजिज आकर आरक्षक महिला वृंदावन दिसंबर 20 को पहुंची थी। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद उसकी तलाश में आई राजेंद्र नगर थाना ने उसका पता तो लगा लिया, लेकिन वह वापस आने को तैयार नहीं हुई।
राजेंद्र नगर थाना पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, महिला आरक्षक अंजना सहिस की मां ने 21 अगस्त को रायगढ़ में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रायगढ़ पुलिस ने मामला शून्य पर कायम कर रायपुर राजेंद्र नगर थाना पुलिस को भेजा दिया था। आरक्षक महावीर नगर में किराए के मकान में रह रही थी। छत्तीसगढ़ पुलिस वृंदावन तीन दिन पहले ही गई थी। महिला के फोटो के आधार पर उसे तलाशती रही। बुधवार को परिक्रमा मार्ग पर अंजना पूजन सामग्री बेचते मिल गई। छत्तीसगढ़ पुलिस उसे लेकर कोतवाली पहुंची। रायपुर पुलिस ने मां की तहरीर पर 21 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज की गई, इसलिए महिला कांस्टेबल को हिरासत में लिया गया है। मगर, अंजना रायपुर वापस आने को तैयार नहीं थी। उसकी मां से भी बात कराई गई। आखिर में महिला को वृंदावन में ही रहने दिया गया।
अंजना ने बताया कि अधिकारी उसका मानसिक और शारीरिक शोषण कर रहे थे। पति भी पुलिसकर्मी और अधिकारियों से मिल गया था। वर्ष 2007 और 2016 में शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। उसे ही उल्टे फंसाया जाता रहा। इससे तंग आकर उसने छुट्टी के लिए आवेदन दिया और 26 दिसंबर 2020 को वृंदावन पहुंच गई और किराए पर रहने लगी। रायगढ़ में कई साल तक आरक्षक के पद पर तैनात अंजना सहिस का रायपुर पुलिस मुख्यालय तबादला हो गया था। जहां उसे सीआइडी में तैनात किया गया था। ड्यूटी के दौरान अचानक वह लापता हो गई जिस पर पुलिस का कहना है कि उसने तीन महीने की छुट्टी का आवेदन दिया था। गुमशुदगी के आधार पर पुलिस ने महिला की तलाश की गई है। उसे वृंदावन से रायपुर आने के लिए कहा गया, लेकिन उसने मना कर दिया गया। सहमति पत्र के बाद टीम वापस आ गई।