एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को शपथ लिए हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन राज्य में अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को शपथ लिए हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन राज्य में अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। हालांकि शिंदे और फडणवीस कह रहे हैं कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। हालांकि, लोग कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी के कारण ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक दोनों पक्षों की ओर से इस बारे में साफ-साफ कुछ नहीं कहा गया है।

किसको कितने मंत्री दिए जाने चाहिए? दोनों पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए कैबिनेट फॉर्मूला क्या है? कहा जा रहा है कि इस वजह से विस्तार रुका हुआ था। लेकिन अब शिंदे समूह के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कैबिनेट विस्तार ठप होने की असली वजह बताई है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार में रुका है कैबिनेट विस्तार?
कल मुंबई में मीडिया से बात करते हुए दीपक करेसरकर ने कहा, ”पार्टी के भीतर लोकतंत्र होना चाहिए या नहीं, यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलेगा। विस्तार में समय लग सकता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करने की जरूरत है। हमारे द्वारा देश की सर्वोच्च न्यायलय के प्रति सम्मान बनाए रखना जारी है। यही वजह है कि अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है।” दीपक केसरकर ने बताया कि अंतरिम आदेश सोमवार को आएगा और उसके बाद ही इसे बढ़ाया जाएगा।

इस बीच कैबिनेट विस्तार की संभावित सूची सामने आई है। चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, रवींद्र चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटिल, प्रवीण दारेकर, नितेश राणे, बबनराव लोणीकर को भाजपा कोटे से मंत्री बनाए जाने की संभावना है। जबकि शिंदे समूह से शंभूराजे देसाई, संजय शिरसत, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, गुलाबराव पाटिल, दादा भूसे, उदय सामंत, दीपक केसरकर के नाम सामने आए हैं।

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