डब्ल्यूएचओ भारत और इंडोनेशिया के छह निर्माताओं से हाल ही में हुई मौतों से जुड़ी दवाओं का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट कच्चे माल के बारे में अधिक जानकारी मांग रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जांच कर रहा है कि क्या उन निर्माताओं के बीच कोई संबंध है, जिनके कफ सिरप पीने से तीन देशों में 300 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को ये जानकारी दी. उत्पादों में विषाक्त पदार्थों के “अस्वीकार्य स्तर” का हवाला देते हुए, डब्ल्यूएचओ भारत और इंडोनेशिया के छह निर्माताओं से हाल ही में हुई मौतों से जुड़ी दवाओं का उत्पादन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशिष्ट कच्चे माल के बारे में अधिक जानकारी मांग रहा है. साथ ही ये भी पता कर रहा है कि क्या इन कंपनियों ने कुछ समान आपूर्तिकर्ताओं से कच्चा माल प्राप्त किया था. हालांकि WHO ने किसी सप्लायर का नाम नहीं लिया है.
इस मामले से परिचित व्यक्ति ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या सामान्य रूप से बच्चों के लिए खांसी की दवाई के उपयोग करने के लिए विश्व स्तर पर परिवारों को सलाह दी जाए. डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि इस तरह के उत्पाद बच्चों के लिए चिकित्सकीय रूप से आवश्यक हैं या नहीं.
अभी तक डब्ल्यूएचओ ने भारत और इंडोनेशिया में छह दवा निर्माताओं की पहचान की है जो सिरप का उत्पादन करते हैं. इन निर्माताओं ने या तो जांच पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है या दूषित सामग्री का उपयोग करने से इंकार कर दिया है. डब्लूएचओ ने जिन कंपनियों का नाम लिया है, उनके द्वारा रॉयटर्स के पास गलत काम करने का कोई सबूत नहीं है.
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा, “यह हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि किसी ऐसी चीज से और बच्चों की मौत न हो, जिसे रोका जा सकता है.”