Parliament Security Breach: बीएसपी से निष्कासित सांसद दानिश अली ने कहा, “संसद पर हमले के बाद बरामद किए गए विजिटर्स पास में से कम से कम एक पास बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस से जारी किया गया था.

नई दिल्ली: 

संसद के शीतकालीन सत्र के 8वें दिन 13 दिसंबर (बुधवार) को सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक (Parliament Security Breach) का मामला सामने आया. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान आज दोपहर 1 बजे दो युवक विजिटर्स गैलरी से नीचे कूद गए. वे सदन की बेंच पर कूदने लगे और सदन में पीले रंग का धुआं फैला दिया. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया और मार्शलों को सौंप दिया. दोनों युवक सांसद के विजिटर्स पास (Visitors Pass) पर लोकसभा की कार्यवाही देखने आए थे. इस बीच बीएसपी से निष्कासित सांसद दानिश अली ने दावा किया कि सदन में कूदने-फांदने और धुआं छोड़ने वाले युवक बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा (BJP MP Pratap Simha) के नाम से विजिटर्स पास लेकर आए थे. प्रताप सिम्हा कर्नाटक के मैसुरु सीट से सांसद हैं. वहीं, संसद भवन के बाहर से भी स्मोक कैन के साथ एक महिला और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है.

दानिश अली ने NDTV से कहा, “संसद पर हमले के बाद बरामद किए गए विजिटर्स पास में से कम से कम एक पास बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस से जारी किया गया था. सूत्रों ने NDTV से यह भी पुष्टि की है कि सदन में कूदने-फांदने वाले युवकों को प्रताप सिम्हा के ऑफिस की ओर से ही पास दिए गए थे.

बीजेपी सांसद ने स्पीकर ओम बिरला को दी सफाई
जानकारी के मुताबिक, अब बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात कर सफाई पेश की है.

कौन हैं प्रताप सिम्हा?
प्रताप सिम्हा कर्नाटक के मैसूर से सांसद हैं. सिम्हा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मैसूरु निर्वाचन क्षेत्र से 43.46% वोटों के साथ जीत हासिल की थी. 2019 के चुनावों में उनका वोट शेयर बढ़कर 52.27% हो गया. 42 वर्षीय प्रताप सिम्हा राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे. उन्होंने 2007 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी भी लिखी थी. वह पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं.

विवादों से भी रहा है नाता
पत्रकार से राजनेता बने प्रताप सिम्हा पहले भी विवादों में रह चुके हैं. पिछले साल प्रताप सिम्हा ने मैसूर-ऊटी रोड पर बने एक बस स्टॉप को गिराने की चेतावनी दी थी. सिम्हा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “मैंने सोशल मीडिया पर इस बस स्टॉप को देखा है. यह बस स्टॉप गुंबद की तरह है. बीच में एक बड़ा गुंबद और अगल-बगल छोटे गुंबद. ये मस्जिद सरीखी दिखती है. मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में ढांचे को ध्वस्त कर दें. अगर वे ऐसा नहीं करते, तो मैं जेसीबी से खुद इसे गिरा दूंगा.”

टीपू सुल्तान के जन्मोत्सव समारोह का भी कर चुके विरोध
प्रताप सिम्हा साल 2015 में टीपू सुल्तान के जन्मोत्सव समारोह के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ मुखर थे. उन्होंने कहा था कि टीपू सुल्तान सिर्फ इस्लामवादियों के लिए ही आदर्श हो सकते हैं. बीजेपी सांसद ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार और सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किए थे.

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