चिल्फीघाटी में पिछले 3 दिन से न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर बना हुआ है। इसके चलते गुरुवार सुबह घाटी के इलाके में पाला जम गया। सुबह पुआल के ढेर और आसपास खेतों में बर्फ की सफेद चादर बिछी नजर आई। इलाके में शीतलहर चलने से तापमान जमाव बिंदु पर पहुंच रहा है। सुबह कोहरे और खेतों में ओस की बूंदें जमने से चिल्फीघाटी का नजारा आकर्षक दिखने लगा है। इस बार जनवरी में चिल्फी में कड़ाके की सर्दी के कारण वहां से आने वाली हवा ने कवर्धा शहर ही नहीं, बल्कि कबीरधाम जिले के कई मैदानों इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। आने वाले दो-तीन दिन तापमान ऐसा ही रहेगा। 10 जनवरी को न्यूनतम तापमान 7 और 11 जनवरी को यह 10 डिग्री सेल्सियस तक बना रहेगा।
जानिए, क्यों पड़ता है पाला: रायपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचपी चंद्रा बताते हैं कि शीतलहर के चलते वायुमंडल में उपस्थित जल वाष्प जब पेड़ पौधों की पत्तियों या किसी ठोस पदार्थ के संपर्क में आती है, जिनका तापमान 0 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे है। तो यह बर्फ की चादर के रूप में जमने लग जाती है। इसे ही पाला कहते हैं।

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