रायपुर नगर निगम के महापौर पद के लिए लोग 11 फरवरी को वोट करेंगे। 15 फरवरी को नतीजे आएंगे। उससे पहले भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी मीनल चौबे और कांग्रेस उम्मीदवार दीप्ति दुबे ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कई महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। एक तरफ मीनल चौबे दावा कर रही हैं कि पिछले महापौर एजाज ढेबर के कार्यकाल की फाइलें फिर से खुलेंगी, भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ दीप्ति दुबे ने कहा है कि कांग्रेस ने शहर को संवारा है, ढेबर कार्यकाल के विवादों पर तो दीप्ति सीधे कुछ नहीं बोलीं, मगर उन्होंने कहा- नेगेटिव बातों पर मैं ध्यान नहीं देती नेगेटिव चीजों को पॉजिटिव करना मुझे आता है। अब दोनों नेताओं ने एक जैसे सवालों पर क्या जवाब दिया पढ़िए उन्हीं के शब्दों में। सवाल- महापौर पद के लिए महिला आरक्षण होने पर आपने क्या सोचा, कैसे तय किया चुनाव लड़ना है ? मीनल चौबे- आरक्षण पारदर्शी प्रक्रिया है। चिट निकलने पर ही सब निर्भर था। सामान्य महिला की चिट निकली तो मुझे खुशी हुई। मैं अपने लिए खुश नहीं हुई थी, मैं रायपुर शहर के लिए खुश हुई थी कि रायपुर को एक महिला महापौर मिलने जा रही है। पार्टी ने मुझपर भरोसा किया। मैंने लोगों की आवाज बनकर निगम में काम किया नेता प्रतिपक्ष के रुप में, आगे भी करूंगी। दीप्ति दुबे- सामान्य महिला के ऐलान के बाद मुझे खुशी हुई, प्रमोद दुबे जी ने मुझ से चुनाव के लिए आगे आने को कहा, मुझपर कोई दबाव नहीं था। मैं 15 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में हूं और मैंने मन बनाया। छोटा सा बायोडाटा लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को दिया। वरिष्ठ नेताओं ने जब मुझे चुना तो मैं इसे खुद पर एक बड़ी जिम्मेदारी की तरह मानती हूं और जीत हमारी होगी। सवाल- अगर आप महापौर बनती हैं तो, क्या सोचा है सबसे पहला काम क्या करेंगी ? मीनल चौबे- बिजली, पानी, सफाई उपलब्ध करवाना निगम का काम है। लोग जो टैक्स देते हैं उसके बदले उन्हें उनका हक मिले ये मैं करूंगी। झुग्गी बस्तियों में अच्छी सड़कें हों, वहां हम शिक्षा के संचार पर काम करेंगे। महिलाओं के लिए आर्थिक तौर पर उनके स्किल डेवलपमेंट पर काम होंगे। रायपुर शहर को साफ और मच्छर मुक्त करने के लिए नालियों को साफ करने के साथ कवर्ड (बंद) रखेंगे। 15 साल से निगम में कांग्रेस की सरकार है, फंड्स में भ्रष्टाचार हुआ है। प्लानिंग के साथ काम नहीं हुआ। दीप्ति दुबे- साफ, धूलमुक्त, मच्छर मुक्त और ग्रीन रायपुर बनाना है। नगर निगम का जो मूल काम है वो हम करेंगे। मैं मनोवैज्ञानिक हूं, स्कूली बच्चों को नगर निगम की ओर से करियर गाइडेंस देंगे, नशे से युवा दूर हों इस पर फोकस करेंगे, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले यूथ को कोचिंग देंगे, वार्ड की महिलाओं को घरेलू हिंसा जैसे समस्याओं में मदद देने पर हम और हमारे पार्षद फोकस करेंगे। सवाल- एजाज ढेबर के कार्यकाल पर भाजपा ने कई आरोप लगाए, कांग्रेस प्रत्याशी पर इसका अब निगेटिव असर होगा ? मीनल चौबे- हमने आरोप नहीं लगाए ये सब सच बातें थीं। जो भी भ्रष्टाचार हुआ है हम उसकी फाइल निकलवाकर स्टडी करेंगे, जो दोषी होगा कार्रवाई करेंगे। वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी पर असर की बात करूं तो प्रभाव, दुष्प्रभाव की बात ही नहीं भ्रष्टचार में कांग्रेस के जनप्रतिनिधी कंठ तक डूबे हुए हैं। जनता कांग्रेस के प्रति आक्रोशित है। इंतजार कर रहे हैं कमल फूल के पक्ष में वोट करें। दीप्ति दुबे- कांग्रेस ने मुझे मौका दिया है, मैं जीत के लिए फोकस हूं। हर किसी व्यक्ति का काम करने का तरीका होता है। मैं निगेटिव पर क्यों जाऊं, मैं साइकोलॉजिस्ट हूं हर चीज को पॉजिटिव वे में बदलना जानती हूं। मेरे हसबैंड एक्स मेयर हैं, मैंने राजनीतिक इंटर्नशिप उनके साथ की, जो अच्छे काम हुए हैं हम जनता के बीच लेकर जाएंगे। एजाज ढेबर के साथ प्रचार भी करेंगे और जीत भी हासिल करेंगे। सवाल- आप दोनों के आपस में रिश्ते कैसे हैं, चुनाव में आप दोनों आमने-सामने हैं कैसे हराएंगे रणनीति क्या है ? मीनल चौबे- एक इंसान का जो एक इंसान से रिश्ता होता है वही रिश्ता मेरा दीप्ति दुबे से है। मेरी पहचान भाजपा है, कमल का फूल है, मैं विशुद्ध राजनीति करती हूं, जनता के लिए काम करती हूं। तो जनता साथ आएगी। दीप्ति दुबे- मीनल चौबे से रिश्ते अच्छे हैं हम मिलते रहते हैं सामाजिक कार्यक्रमों में। वो आती हैं, गेस्ट के रूप में तो हम मिलते हैं। जो कार्यकाल रहा है कांग्रेस का उसमें जो काम हुए हैं, वो मैं जनता के बीच लेकर जा रही हूं। सबसे मिल रही हूं, आज से नहीं जब मेरे पति पार्षद रहे तो मैंने बैक बोन की तरह काम किया लोगों के बीच रहकर। काम के आधार पर मुझे यकीन है हम जीतेंगे।
………………………… रायपुर निगम चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस पार्षद:अख्तर ने कहा- पैर दबाने वालों को मिला टिकट, बंटी बोले- मेरा-तेरा करने वाली पार्टी को अलविदा छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के 6 सिटिंग पार्षदों ने टिकट न मिलने पर बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने भी पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर

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