सीएम भगवंत मान ने विजय सिंगला अपने घर बुलाया और उस ऑडियो क्लिप को चलवा दिया जिसमें वो शुकराना मांगने की बात कर रहे थे। चलिए जानते हैं क्या क्या बातें हुई भगवंत मान और विजय सिंगला के बीच…
पंजाब में आम आदमी पार्टी आने के बाद मानसा जिले के लोगों को तीन दशक के लंबे इंतजार के बाद यह खुशी मिली थी कि उन्हीं में से एक को सरकार में मंत्री पद मिला है लेकिन, यह खुशी ज्यादा दिन नहीं चल पाई। ठेके के बदले शुकराना (कमीशन) मांगने के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला बर्खास्तगी के साथ गिरफ्तार भी हो चुके हैं। तो मामला कुछ यूं है कि भगवंत मान ने उन्हें अपने घर बुलाया और उस ऑडियो क्लिप को चलवा दिया जिसमें वो शुकराना मांगने की बात कर रहे थे। चलिए जानते हैं क्या क्या बातें हुई भगवंत मान और विजय सिंगला के बीच…
सरकार के सूत्रों का कहन है कि स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला निविदा के आवंटन के लिए बठिंडा निवासी से शुकराना की मांग कर रहे थे। मंत्री की पोल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने ही खोली। ये अधिकारी डॉ. सिंगला के इस तरह के व्यवहार को भली-भांती जानते थे। जानकारी के अनुसार, उन्होंने ही सीएम भगवंत मान से संपर्क किया और मंत्री की करतूतों को उनके सामने रखा। सीएम ने अधिकारी को अपनी सुरक्षा का आश्वासन दिया और सबूत इकट्ठा करने को कहा।
सूत्रों के अनुसार, अब अधिकारी जुट गए मंत्री सिंगला का पर्दाफाश करने। वक्त भी आ गया। बठिंडा निवासी एक शख्स ने निविदा के आवंटन के लिए मंत्री जी से संपर्क किया और सहयोग मांगा। इसकी एवज पर सिंगला ने शख्स से एक प्रतिशत शुकराना मांग लिया। अधिकारी ने दोनों की बातचीत का ऑडियो क्लिप सीएम मान को सौंपा।
सीएम ने सिंगला को अपने घर बुलाया
एक बार जब यह रिकॉर्डिंग सीएम तक पहुंच गई तो फिर सीएम ने अपने स्तर पर मंत्री के व्यवहार के बारे में विभागीय अधिकारियों से गहन पूछताछ की। अब सीएम मान ने मंत्री को अपने पास बुलाने का फैसला लिया। बताया जा रहा है कि मंत्री को सीएम ने अपने घर बुलाया और कथित तौर पर उनके सामने रिकॉर्डिंग चलाई गई। रिकॉर्डिग सुनने के बाद मंत्री की हवाइयां उड़ गई। सीएम मान ने पूछा क्या यह उनकी आवाज थी? पता चला है कि उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि रिकॉर्डिंग में, मंत्री कथित तौर पर उस व्यक्ति से कह रहे थे कि उन्हें शुकराना देना चाहिए।
इस बीच सीएम भगवंत मान ने मोहाली में आरोपी मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं और पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ ने उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया है।