भास्कर न्यूज | दाढ़ी राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर शिवनाथ नदी के पानी को फिल्टर कर अनेक गांवों में सप्लाई की जाती है। लेकिन इस योजना से ग्राम पंचायत उमरिया को लाभ नहीं मिल पाया है। जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को आज भी पास के गांव बेतर से पानी लाकर खाना बनाते है। गांव में पंचायत द्वारा बोर तो खनन किया गया है। लेकिन उसमें भी खारा पानी आता है। जिसके कारण ग्रामीण किसी तरह से निस्तारी कर रहे है वहीं निजी बोर के पानी का उपयोग कर काम चला रहे है। बेमेतरा से कवर्धा जाने वाले नेशनल हाईवे के किनारे ग्राम पंचायत उमरिया है। जहां गर्मी के दिनों में पानी पूरी तरह से सूख जाता है। ग्रामीणों की माने तो गांव का पानी खारा है। जिससे खाना बनाने पर ठीक से नहीं पकता। ऐसे में पास के गांव बेतर जाकर पानी का परिवहन करते है। जिसका उपयोग खाने-पीने के लिए करते है। जिले में मीठे पानी की सप्लाई के लिए शिवनाथ नदी से ग्राम कठौतिया तक पाइपलाइन बिछाया गया। लेकिन ग्राम पंचायत उमरिया इस योजना से वंचित हैं। अनिल दुबे ने बताया कि मीठे पानी के अभाव में खारे पानी से ही जीवन यापन करना पड़ रहा है। सिंचाई के लिए लगाए गए, बोर के पानी से निस्तारी की जाती है। गांव के तालाब है, जहां पर आमजन निस्तारी के अलावा मवेशियों को भी सुविधा मिल रही है। लेकिन पेयजल के नाम पर गांव में कोई भी सुविधा नहीं है। शासन द्वारा सरकारी हैंडपंप व सिंगल पॉवर पंप की सुविधा दी गई है। पानी खारा होने से दाल नहीं पकती। सरपंच प्रतिनिधि उमरिया रामेश्वर साहू ने बताया कि फिल्टर पानी की सुविधा उमरिया में प्रारंभ करने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, विभागीय मंत्री को आवेदन भेजा गया है। यहां भी ऐसे हालात मीठे पानी की सप्लाई, ग्राम खंडसरा से सेमरिया, दाढ़ी, कठौतिया तक पाइपलाइन बिछाया गया है। वहीं उमरिया में इस योजना से नहीं जोड़ा गया है। गर्मी के दिनों में यहां टैंकर भेजा जाता है। तब कही ग्रामीणों को पानी मिल पाता है। ग्राम उमरिया से लगे गांव ग्राम बेरा, बेतर, मरजादपुर, सनकपाट, चिल्फी, कन्हेरा में गर्मी में दिनों में यही स्थिति रहती है। मीठे पानी की पाइप इन गांवों तक पहुंचती है तो ग्रामीणों को पानी की समस्या नहीं होगी। बेमेतरा में शिवनाथ नदी से ग्राम कारेसरा तक मुख्य पाइपलाइन का विस्तार किया गया है। इसी से इन गांवों तक मीठे पानी की सप्लाई की जा सकती है।