भास्कर न्यूज | जशपुरनगर नए साल के पहले में बड़ी संख्या में पर्यटक मकरभंजा सहित विभिन्न जलप्रपातों में पिकनिक मनाने के लिए पहुंचे। चार साल पहले तक तीरथगढ़ जलप्रपात को प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात माना जाता था। अब लेकिन जशपुर में महान नदी पर मकरभंजा जलप्रपात ने प्रदेश के सबसे ऊंचे जलप्रपात के रूप में कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। बस्तर में स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 300 फीट है। जबकि जशपुर के मकरभंजा जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 450 फीट से भी अधिक है। यह जलप्रपात महज दो स्टेप में गिर रहा है। बलरामपुर जिले की सीमा से सटे जशपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे महनई से लगभग दो किलोमीटर दूर जंगल के अंदर यह जलप्रपात स्थित है। मकरभंजा जलप्रपात तक दो किलोमीटर पैदल और कई फीट गहरी खाई से सटे रास्तों से चलकर पहुंचा जा सकता है। काफी ऊंचाई से गिरने की वजह से इस जलप्रपात का दृश्य काफी मनोरम दिखता है। कई पर्यटक इसे देखने भी आ ही रहे हैं पर खतरनाक रास्तों की वजह से ज्यादातर लोग जलप्रपात तक नहीं पहुंच पा रहे। इस पहुंचविहीन जलप्रपात तक आसानी और सुगमता से पहुंचने के लिए सड़क मार्ग व अन्य कई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विचार किया जा रहा है। इस जलप्रपात तक अगर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग बन जाए तो यह वाटरफॉल पर्यटकों को आकर्षित करेगा। चार साल पहले सोशल मीडिया से लोगों को जलप्रपात की जानकारी हुई जिले में महान नदी पर स्थित 450 फीट ऊंचा मकरभंजा जलप्रपात छग का सबसे ऊंचे वाटरफॉल है। दुर्गम जंगल के बीच स्थित इस जलप्रपात में लोग चार साल पहुंच नहीं पाए थे, लेकिन इस दुर्गम जगह पर जोखिम उठाकर पहुंचा जा सकता है।