छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री OP चौधरी दान मांगते दिखे। टोकरी (छत्तीसगढ़ी मंे टुकनी कहा जाता है) लेकर कृषि मंत्री के सामने उन्होंने कहा- छेरछेरा कोठी के धान ल हेर-हेरा। इसके बाद कृषिमंत्री राम विचार नेताम ने उन्हंे दान में धान दिया। छत्तीसगढ़ में छेर-छेरा त्यौहार पर यह अनोखी रस्म गांव-गांव में निभाई जाती है। बच्चे घर-घर जाकर इसी तरह दान मांगते हैं, छत्तीसगढ़ के मंत्री भी एक दूसरे के साथ छेरछेरा त्यौहार मनाते, दान मांगते दिखाइ दिए। इसका वीडियो मंत्री चौधरी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। रायगढ़ जिले में विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दोनों मंत्री पहुंचे थे कलेक्टर भी मौजूद थे। अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों मंत्रियों ने यह रस्म निभाई। बच्चों की टोलियां निकलती
छेरछेरा, माई कोठी के धान ल हेर हेरा… ये आवाज हर गांव और रायपुर के आउटर के इलाकों मंे सुनाई दे रही है। इस अवसर पर मां अन्नपूर्णा कीपूजा भी की जाएगी। घरों में मीठा चीला, गुलगुला समेत अन्य पारंपरिक व्यंजन बनाए जाने की परंपरा है। छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्योहार का अलग ही महत्व है। सदियों से मनाया जाने वाला यह पारंपरिक लोक पर्व है, क्योंकि इस दिन रुपए पैसे नहीं बल्कि अन्नका दान किया जाता है। लोगों की अवधारणा है कि दान करने से धनकी शुद्धि होती है। कृषि आधारित जीवन शैली का ये हिस्सा है। छेरछेरा पुन्नी यानी कि पौषमाह की शुक्ल पक्ष 15वीं तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि आज के दिन किसान अपने खेत की फसल को घर में बने भंडार गृह में रख लेता है और खेती-किसानी से वक्त मिल जात है। इस त्योहार को छत्तीसगढ़ की खुशहाली और समृद्धि का त्योहार माना जाता है।

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