ऐसे भारतीय दंपत्ति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण मंे लेना चाहते हैं, वे जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग जिला उत्तर बस्तर कांकेर के कार्यालय में संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के पश्चात किशोर न्याय अधिनियम एवं गाईड लाईन के अनुसार गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पान्सरशिप एवं फॉस्टर केयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर जिले की बालक कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण हेतु संबंधित दंपत्ति को फॉस्टर केयर मंे दिया जा सकेगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने कहा कि फॉस्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बालक को समुचित भोजन वस्त्र, आश्रय, शिक्षा, उच्च शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण आवश्यकतानुसार सभी प्रकार की चिकित्सा उपचार, आयु एवं रूचि के अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक की शोषण, दुर्व्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उसके जैविक परिवार की निजता का सम्मान करेंगे। इसके साथ ही फॉस्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्व एवं शर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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