छत्तीसगढ़ में बलरामपुर जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र में चंगाई सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा था। इसकी शिकायत पर पुलिस ने छापेमारी कर मौके से पास्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि यह लोग भोले भाले ग्रामीणों को बीमारी का इलाज व पैसा का प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे थे। मौके से बड़ी मात्रा में बाइबिल और धर्म प्रचार की अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। मामला वाड्रफनगर ब्लॉक के सरूअत गांव का है। जांच में सामने आया कि आरोपी ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक मदद का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। चंगाई सभा के बहाने लोगों को एकत्र किया जाता था और उनकी धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाया जाता था। पुलिस को मौके से पास्टर के पास से राष्ट्रीय मसीह संघ का आईडी कार्ड भी मिला है, जो उनके संगठित धर्म प्रचार गतिविधियों की पुष्टि करता है। स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार मामले की गहन जांच जारी है और आवश्यकता पड़ने पर अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की जाएगी। बहला-फुसलाकर करा रहे थे धर्म परिवर्तन जानकारी के मुताबिक, ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर और झूठे वादे कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। चंगाई सभा के नाम पर गांव में लोगों को इकट्ठा किया जाता था और उनकी धार्मिक भावनाओं का लाभ उठाते हुए उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए राजी किया जा रहा था। राष्ट्रीय मसीह संघ का कार्ड बरामद पुलिस को पास्टर के पास से राष्ट्रीय मसीह संघ का एक आईडी कार्ड भी मिला है, जिससे यह पता चलता है कि पास्टर किसी संगठन से जुड़ा हुआ है। यह कार्ड उनके धर्म प्रचारक गतिविधियों का एक अहम सबूत बन सकता है। पुलिस ने की कार्रवाई बसंतपुर पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया और घटनास्थल से बाइबिल और अन्य प्रचार सामग्री जब्त की है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर और भी लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ग्रामीणों ने बचाई सच्चाई गांव के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पास्टर और उनके साथी उन्हें स्वास्थ्य लाभ, आर्थिक सहायता और बेहतर जीवन के झूठे वादे देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे थे। कुछ ग्रामीणों ने इस गतिविधि का विरोध किया और इसकी जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।