शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में उद्धव गुट विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे।

राष्ट्रपति चुनाव में भले ही उद्धव ठाकरे के गुट ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला कर लिया हो लेकिन उपराष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में वे विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के आवास पर बैठक में भाग लेने के बाद संजय राउत ने कहा कि वह अल्वा का समर्थन करेंगे। बता दें कि भाजपा की मदद से एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में सरकार बना ली है और उद्धव ठाकरे को सत्ता से बाहर कर दिया है। इसके बावजूद एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने के ऐलान के बाद कांग्रेस और एनसीपी उद्धव गुट से खुश नजर नहीं आ रही थी।

संजय राउत ने कहा कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और देश में आदिवासियों के लिए लोगों के मन में संवेदना है। हमारे बहुत सारे विधायक और सांसद भी आदिवासी समुदाय से हैं। इसीलिए हमने उनका समर्थन करने का ऐलान किया है। हालांकि यहां हम मार्गरेट अल्वा का समर्थन करेंगे।’

राज्यसभा में शिवसेना के सांसद राउत ने पहले भी कहा था कि मुर्मू का समर्थन करने का मतलब यह नहीं है कि वे भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि भाजपा के साथ दशकों का गठबंधन तोड़कर शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी। पिछले महीने विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा औऱ उनकी सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए। अब उद्धव ठाकरे किसी तरह अपनी पार्टी बचाने में जुटे हुए हैं।

एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, 17 पार्टियां इस फैसले से सहमत  हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी अल्वा को समर्थन देगी। बता दें कि 80 वर्षीय अल्वा उत्तराखंड. राजस्थान, गोवा और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। कांग्रेस सांसद  रहते हुए वह सरकार में चार बार राज्यमंत्री रहीं।

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