अंबिकापुर में संचालित संत हरकेवल बीएड कॉलेज के प्रिंसपल ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। स्वयं को इग्नू का प्राफेसर बताने वाले कॉलर ने प्रिंसपल को पीएचडी एवं उनकी पत्नी को डीएलएड की डिग्री दिलाने के नाम पर दो लाख 7 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिया। एक वर्ष पूर्व पीएचडी एवं डीएलएड के रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं अन्य मदों के शुल्क के नाम पर यह राशि ली गई। जब कॉलर ने फोन उठाना बंद कर दिया तो प्रिंसपल ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट पर गांधीनगर पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक, संत हरकेवल दास बीएड कॉलेज के प्रिंसपल अंजन सिंह ने गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि करीब दो-तीन वर्ष पूर्व स्वयं को इग्नु यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर बताने वाले प्रो. पीपी शर्मा से बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया था कि इग्नू से पीएचडी एवं डीएलएड का पत्राचार कोर्स कराया जाता है। इसकी मान्यता है। शुल्क के नाम पर ऑनलाइन मांगे रुपये
एक वर्ष पूर्व जनवरी 2024 में कथित प्रो. पीपी शर्मा से बातचीत हुई तो उसने प्रिंसपल अंजन सिंह एवं उनकी पत्नी अनिता सिंह के सभी दस्तावेज व्हाट्अप से मंगाए। दस्तावेज देखकर दोनों कोर्स में रजिस्ट्रेशन हो जाने की जानकारी देते हुए पीएचडी के इग्नू का शुल्क 89 हजार रुपये एवं डीएलएड के लिए शुल्क 30 हजार रुपये बताया गया। उक्त शुल्क का भुगतान कथित इग्नू प्रोफेसर ने अपने गूगल पे एकाउंट में भेजने कहा। अंजन सिंह ने कॉलेज में कार्यरत स्टॉफ आनंद कुमार के गूगल पे एकाउंट से प्रो. पीपी शर्मा के एकाउंट में राशि 08 जनवरी 2024 को ट्रांसफर की गई। कथित प्रो. पीपी शर्मा ने बीच में अतिरिक्त शुल्क की डिमांड की तो अंजन सिंह ने 88 हजार 400 रुपये का पेमेंट भेज दिया। अतिरिक्त राशि मांगी तो हुआ ठगी का ऐहसास
रिपोर्ट में अंजन सिंह ने बताया कि कथित प्रो. पीपी शर्मा ने दोनों का रजिस्ट्रेशन का आनलाईन अपडेट एवं डाक्यूमेंट प्रोसेसिंग 18 अप्रेल 2024 तक पूर्ण हो जाना बताया था। उससे 21 अप्रेल 2024 को अंजन सिंह ने अपडेट पूछा तो कॉलर ने कहा कि वाइस चांसलर का 25 हजार रुपये आपने नहीं दिया, इस कारण आपका केस रिजेक्ट हो गया है। अतिरिक्त राशि मांगने पर अंजन सिंह को ठगी का ऐहसास हुआ। बाद में कथित प्रो. पीपी शर्मा ने मोबाइल उठाना बंद कर दिया और कॉल फारवर्ड कर दिया। अंजन सिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने मोबाइल धारक के खिलाफ धारा 420 का अपराध दर्ज किया है।
