भास्कर न्यूज | बालोद जिले के 143 केंद्रों में 2 जनवरी तक 52 लाख 43 हजार 948 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसमें 29 लाख 60 हजार 774 क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है। जिले के 143 में से सिर्फ 37 केंद्रों में 50% से ज्यादा धान का उठाव हुआ है। जबकि 106 केंद्रों में 50% से कम धान का उठाव हो पाया है। यह स्थिति तब है, जब विभागीय अफसर दावा कर रहें है कि जिले के सभी केंद्रों से 121 राइस मिलर्स के कर्मचारी रोजाना धान का उठाव करने पहुंच रहे हैं। कई केंद्रों मंे ऐसी स्थिति है कि 10 प्रतिशत से कम धान का उठाव हुआ है। कन्याडबरी केंद्र में सिर्फ 3.82% धान का उठाव हो पाया है। यहां अब तक 24 हजार 592 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसमें 23 हजार 652 क्विंटल धान जाम है। इसी तरह कर्रेगांव में अब तक सिर्फ 5.78% धान का उठाव हो पाया है। यहां 21 हजार 448 क्विंटल धान खरीदी हुई है। जिसमें 20 हजार 208 क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है। सेवा सहकारी समिति के पदाधिकारियों के अनुसार जल्द उठाव नहीं होने पर खरीदी बंद करने की नौबत आ सकती है। कनेरी में 80.39%, अरकार में 68.10%, कुरदी में 62.43%, लिमोरा में 50.42%, कोड़ेवा में 57.33%, खप्परवाड़ा में 58.61%, गब्दी में 63.74%, माहुद अ में 51%, गुरेदा में 57%, गुरूर में 70.41%, गोड़ेला में 54.89%, गोरकापार में 55.22%, दर्रा में 74.90%, धनोरा में 51.83%, निपानी में 62.19%, परसदा में 51%, परसोदा में 63%, पैरी में 58%, पाररास में 65.18%, पिरीद में 53%, पीपरछेड़ी में 63%, पोंडी में 67%, फागुन्दाह में 53%, बालोद में 78%, भाठागांव में 52%, मेड़की में 59%, माहुद मंे 57%, मिर्रीटोला में 62% धान का उठाव हो चुका है। मोखा, खुटेरी, खपरी, दरबारी नवागांव, सांकरा क में 50% से ज्यादा धान का उठाव हो चुका है। अछोली में 40.82%, अर्जुन्दा में 41.24%, अर्जुनी टिकरी में 37.31%, अरमरीकला में 43.81%, आमाडुला में 27.88%, ओड़ारसकरी मंे 46.70%, कुआगोंदी में 49.21%, सुरडोंगर में 48.86%, कचांदुर में 39.19%, कलंगपुर में 38%, गुजरा में 28%, हितेकसा मंे 38 प्रतिशत धान का उठाव हो पाया है। इसी तरह नारागांव, सुरेगांव, सुर्रा, सिंगारपुर, भिलाई, भीमकन्हार, मंगलतराई, मनकी, मुडिया, भालुकोन्हा, भाठागांव बी, बड़गांव, बरबसपुर, बरही, पेंड्री, परसतराई, नाहंदा, नवागांव सहित 60 से ज्यादा केंद्रों में 50 प्रतिशत से कम धान का उठाव हो पाया है। इन केंद्रों मंे बफर लिमिट से ज्यादा धान जाम है।