संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल क्राइसिस रेस्पॉन्स ग्रुप रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में लोग पैसे, खाने और ऊर्जा के संकट का सामना कर रही है। दुनिया 2023 तक इस संकट से गुजर सकती है।

यूक्रेन में युद्ध के चलते दुनिया भर के 94 देशों में संकट की स्थिति है और कुल 1.6 अरब लोग परेशान हैं। संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल क्राइसिस रेस्पॉन्स ग्रुप रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में लोग पैसे, खाने और ऊर्जा के संकट का सामना कर रही है। 8 जून को प्रकाशित की गई इस रिपोर्ट में खाने और ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने की बात कही गई है। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा की स्कीमों और आर्थिक सहयोग में इजाफी किए जाने की बात भी कही गई है ताकि कमजोर वर्ग के लोगों को मदद मिल सके। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वक्त कम है और खाद्य संकट बहुत बड़ा है।

2023 में खड़ा हो सकता है दुनिया में बड़ा खाद्य संकट

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में बड़ा खाद्य संकट पैदा हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो फिर लोगों को खाने की किल्लत होगी और भोजन की उपलब्धता कम हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यदि जंग जारी रही और खाद्यान्न एवं खाद की कीमतों में इजाफा जारी रहना तो फिर अगले साल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। गेहूं, मक्का और सब्जी समेत कई खाद्य पदार्थों की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। इससे करीब दो अरब लोग प्रभावित हो सकते हैं।’ यह आंकड़ा बहुत बड़ा है। बता दें कि यूक्रेन जंग के बाद से दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा हो रहा है। इसके अलावा गेहूं की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।

UN की चेतावनी, किसी भी देश या जनता का बचना होगा मुश्किल

यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देशों में से एक है। यूएन के सेक्रेटरी एंटानियो गुटारेस ने कहा कि यूक्रेन संकट के चलते दुनिया भर में संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। इस संकट से किसी भी देश या फिर जनता का मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जंग चलते हुए तीन महीने बीत चुके हैं और अब नई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में भूख का संकट बढ़ रहा है और यदि कोई उपाय नहीं किए गए तो फिर इसमें और इजाफा हो सकता है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के बाद दुनिया भर में खाने की असुरक्षा का सामने करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 276 मिलियन तक पहुंच गई है, जो पहले 135 मिलियन तक ही थी।

भारत के गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन से भी मचा था हल्ला

बता दें कि यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला बोला था और तब से अब तक 100 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं। इसके चलते एक तरफ तेल की सप्लाई बाधित हुई है तो वहीं गेहूं की सप्लाई पर भी संकट आया है। बीते दिनों भारत ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। इस पर जी-7 देशों ने ऐतराज जताते हुए कहा था कि यह गलत फैसला है। हालांकि भारत ने इसका बचाव करते हुए कहा था कि दुनिया में गेहूं का वितरण कोरोना वैक्सीन की तरह नहीं होना चाहिए। हमने अपनी और पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *