दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अगले 15 दिन के भीतर इस केस में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर सकती है. नियमों के अनुसार, अगर बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कोई सबूत मिले, तो चार्जशीट दाखिल होगी, वरना पुलिस अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर देगी. बताया गया है कि पुलिस फाइनल रिपोर्ट, यानी FR उसी स्थिति में दाखिल करती है, जब किसी मामले में उसे कोई सबूत नहीं मिलते.

नई दिल्ली: 

भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के प्रमुख तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पुलिस को अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया जा सके. यह जानकारी दिल्ली पुलिस के शीर्ष पदस्थ सूत्रों ने दी है.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस अगले 15 दिन के भीतर इस केस में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर सकती है. नियमों के अनुसार, अगर बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कोई सबूत मिले, तो चार्जशीट दाखिल होगी, वरना पुलिस अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर देगी. बताया गया है कि पुलिस फाइनल रिपोर्ट, यानी FR उसी स्थिति में दाखिल करती है, जब किसी मामले में उसे कोई सबूत नहीं मिलते.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया, इस केस में बहुत-से लोगों ने बयान दर्ज किए गए हैं, और बहुत-से गवाहों के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस को कई दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिनकी जांच अब तक जारी है.

सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले के मुताबिक, जिस केस में ऐसी धाराएं लगाई गई हों, जिनमें अधिकतम सज़ा सात साल तक की हो सकती है, उस केस में आरोपी की गिरफ़्तारी की ज़रूरत नहीं होती. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस केस में भी सभी के आरोप पुराने हैं, इसलिए पुलिस को अधिकार है कि वे जांच के बाद केस दर्ज करें, इसीलिए केस बाद में दर्ज किया गया.

देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुके कई पहलवान इस साल जनवरी माह से ही दिल्ली पहुंचकर BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं. वे भारतीय कुश्ती फेडरेशन (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 28 मई को कई पहलवानों को हिरासत में लिया था और धरनास्थल को खाली करवा लिया था.

इसके बाद मंगलवार को पहलवान गंगा नदी में अपने मेडल बहा देने के लिए हरिद्वार पहुंचे, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत और अन्य खाप व किसान नेताओं ने पांच दिन के भीतर समाधान का वादा करते हुए पहलवानों को मेडल बहाने से रोकने के लिए मना लिया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *