खैरागढ़ के जंगलों में बाघ के मूवमेंट का पता चलने के बाद 17 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग ने बाघ के पैर के निशान मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए आसपास के गांवों में मुनादी करवाई है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के इस क्षेत्र में बाघों का मूवमेंट हमेशा बना रहता है। प्रकृति शोध एवं संरक्षण सोसाइटी के पिछले पांच सालों के अध्ययन से पता चलता है कि यह मार्ग मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के जंगलों को जोड़ता है, जहां से बाघ हर साल गुजरते हैं। जानकारी के मुताबिक, इस क्षेत्र में बाघों की स्थायी उपस्थिति थी। क्षेत्र में घने जंगल, खुले मैदान और पर्याप्त शिकार की उपलब्धता है जिसके कारण वर्तमान में यह क्षेत्र बाघों के रास्ते के रूप में जाना जाता है। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाए, तो यह क्षेत्र पुनः बाघों का स्थायी निवास स्थल बन सकता है। वन विभाग ने क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी बढ़ा दी है और रात्रि गश्त के लिए विशेष दल तैनात किए हैं। इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें… गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में बाघिन का मूवमेंट, VIDEO:ज्वालेश्वर मंदिर के पास CCTV में कैद हुई, मवेशी का शिकार किया; ग्रामीणों में दहशत गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के अमरकंटक में एक बाघिन का मूवमेंट देखने को मिला है। ज्वालेश्वर मंदिर के पास बाघिन का विचरण करते हुए वीडियो भी सामने आया है। ज्वालेश्वर मंदिर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में यह घटना कैद हुई। और भी पढ़ें…

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