Uttar Pradesh, Kanpur: 14 नवंबर को महाना के सलाहकार मुलख राज ने कानपुर मंडलायुक्त राज शेखर को पत्र लिखकर क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए महाना की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाने के लिए कहा था।
Three BJP MPs Skip UP speaker Meeting: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश (UP) इकाई के भीतर की कलह शुक्रवार (19 नवंबर, 2022) को उस वक्त सामने आ गई। जब राज्य के तीन मौजूदा सांसदों ने कानपुर में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (UP assembly speaker Satish Mahana) कर रहे थे।
तीनों ने बैठक को “संसदीय परंपराओं के खिलाफ” और “असंवैधानिक” करार देते हुए बुधवार को कानपुर के मंडलायुक्त और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक हस्ताक्षरित पत्र भी भेजा है। सांसदों ने दावा किया कि केवल सीएम और प्रभारी मंत्री ही ऐसी बैठकें बुला सकते हैं। कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने शुक्रवार को हुई बैठक का सबसे पहले विरोध किया, लेकिन जल्द ही अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह भोले और मिसरिख के सांसद अशोक सिंह रावत उनके साथ शामिल हो गए।
बता दें, 14 नवंबर को महाना के सलाहकार मुलख राज ने कानपुर मंडलायुक्त राज शेखर को पत्र लिखकर क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए महाना की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाने के लिए कहा था। इसके तुरंत बाद, कानपुर नगर के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), सुधीर कुमार ने कानपुर क्षेत्र के सभी सांसदों और विधायकों को पत्र लिखकर महाना की अध्यक्षता में बैठक की जानकारी दी।
आठ बार के विधायक महाना महाराजपुर निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक हैं, जिसको वो 2012 से जीत आ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कानपुर छावनी सीट जीती थी। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की बैठक में कानपुर मंडल में महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। जिसमें उनका निर्वाचन क्षेत्र एक हिस्सा है, जैसे कि कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, रामादेवी एलिवेटेड रोड, एक निर्माणाधीन सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल शामिल है।
जबकि महाना ने अपने ट्वीट्स में एक बैठक करार दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जनपद कानपुर के मण्डलायुक्त सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी,मण्डलायुक्त, एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनपद के सर्वांगीण विकास हेतु चल रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को प्रत्येक कार्य को नियत समय एवं गुणवत्तापूर्ण कराने के निर्देश दिये।
वहीं मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि यह शक्ति का दावा अधिक है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, महाना खेमे के कई नेता, जैसे भाजपा यूपी उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई और पार्टी के क्षेत्रीय सचिव मोहित सोनकर उपस्थित थे।
सीएम और प्रभारी मंत्री ही इस तरह की बैठक बुला सकते: पचौरी
इस बीच पचौरी ने एक मीडिया हाउस को बताया, “मैंने कहा है कि केवल सीएम और प्रभारी मंत्री ही इस तरह की बैठकें कर सकते हैं। अब स्पीकर भी ऐसी मीटिंग बुला रहे हैं। इस तरह की बैठक करना उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। हमने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताई है। मैंने और सांसद भोले ने हाल ही में कानपुर के विकास के लिए केंद्रीय रेल मंत्री के साथ बैठक की है। कई अन्य बैठकें समय-समय पर आयोजित की गई हैं।
पचौरी ने कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चूंकि स्पीकर के सलाहकार के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है, इसलिए उनके पास संभागीय आयुक्त को निर्देश जारी करने की शक्ति नहीं है। पचौरी ने कहा कि किस आधार पर स्पीकर के सलाहकार ने संभागीय आयुक्त को निर्देश जारी किया है? और संभागीय आयुक्त उनके निर्देश पर कैसे कार्य कर सकते हैं? संभागीय आयुक्त का पद एक संवैधानिक पद है और वह इस तरह के निर्देशों पर ध्यान नहीं देने का विकल्प नहीं चुन सकते हैं।