दुर्ग जिले में चाईनीज मांझा की बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके चलते आए दिन इससे दुर्घटनाएं हो रही हैं। शनिवार सुबह भिलाई टाउनशिप में कचरा उठाने के दौरान एक सफाई कर्मी महिला का हाथ कट गया। बाद में उसे इलाज के लिए सुपेला अस्पताल ले जाना पड़ा। भिलाई में चाइनीच मांझे से लगातार हो रही दुर्घटनाएं भिलाई नगर निगम के उनके क्षेत्र में चाईनीज मांझे की बिक्री को बंद होने के दावे की पोल खोल रही हैं। शनिवार सुबह सेक्टर 1 में सफाई कर्मी चैती बाई का मांझे से हाथ कट गया। उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। इलाज के दौरान चैती बाई ने बताया कि वो सुबह सफाई का काम कर रही थी। कचरा कलेक्शन के दौरान अचानक कहीं से एक पतंग कटकर उसके ऊपर आ गई। उसमें चाईनीज मांझा लगा था। वो मांझे को अपने ऊपर से निकालने लगी। इसी दौरान वहां से एक बाइक सवार गुजरा तो मांझा उसमें फंसकर खिंच गया। मांझा खिंचने से महिला का हाथ कट गया। उधर बाइक सवार भी उसमें फंसकर गिर गया। उसे भी चोट आई, लेकिन दुर्घटना के बाद वो वहां से चला गया। इधर अन्य सफाई कर्मियों ने चैती बाई को अस्पताल पहुंचाया। चैती बाई का कहना है कि गनीमत है कि उसने हाथ से मांझे को पकड़ा था। यदि वो उसके शरीर में और कहीं होता वो बुरी तरह घायल हो जाती या उसकी जान भी जा सकती थी। एक महीने के अंदर तीसरी दुर्घटना अकेले भिलाई शहर में चाईनीज मांझे से ये तीसरी दुर्घटना है। वहीं एक सप्ताह के अंदर दूसरी घटना है। चार दिन पहले फरीद नगर निवासी फिरोज खान अपनी बाइक से पावर हाउस फ्लाई ओवर ब्रिज के ऊपर से जा रहा था। तभी एक उड़ती पतंग उसके चेहरे में आ गई और उसकी नाक वा आंख के पास कट गया। वहीं 21 दिन पहले हाउसिंग बोर्ड कोहका निवासी रामेश्वर बेले का गला कट गया। बेले 26 दिसंबर को वो अपनी पत्नी नीतू के साथ बाइक से सेक्टर 7 गया था। वहां से शाम के समय वापस घर लौट रहा था। जैसे ही वो सुपेला लक्ष्मी मार्केट के पास पहुंचा, तभी अचानक एक पतंग उड़ते हुए आई और उसका मांझा उसके गले में फंस गया। बाद में उसका उपचार स्पर्श हॉस्पिटल में किया गया।

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