बिजनौर में बिच्छू न काटने की करामात की सच्चाई जानने के लिए ओडिशा से आया जहरीला बिच्छू भी दरगाह शाह विलायत पहुंचकर डंक मारने की अपनी फितरत को भूल गया। अकीदतमंदो के लिए आकर्षक का केंद्र है।
बिजनौर में बिच्छू न काटने की करामात की सच्चाई जानने के लिए ओडिशा से आया जहरीला बिच्छू भी दरगाह शाह विलायत पहुंचकर डंक मारने की अपनी फितरत को भूल गया। लगभग पांच से छह इंच लंबे बिच्छू का हाथ पर रेंगते ही डंक उठा लेने का नजारा देखकर काटने के डर से उसे डिब्बे में बंदकर साथ लाए लोग भी हैरत में पड़ गए। फिलहाल दरगाह में मौजूद ये बिच्छू इस वक्त अकीदतमंदो के लिए आकर्षक का केंद्र बना है।
देश-विदेश में बिच्छू वाली ज्यारत से प्रसिद्ध शहर के बिजनौर रोड स्थित दरगाह शाह विलायत में बिच्छू डंक नहीं मारते। सिर्फ अमरोहा के ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने का बिच्छू इस जगह आकर अपना स्वभाव बदल लेता है। कोई इंसान उसे हाथ में लेकर छेड़े तब भी बिच्छू उसे कुछ नहीं कहता बल्कि वो हाथों पर खेलता रहता है। पहले भी कई लोग दरगाह से जुड़ी इस करामात की सच्चाई जानने के लिए बिच्छू को अपने साथ लाकर उसके यहां न काटने की तस्दीक कर चुके हैं। बीते दिनों ओडिशा (पहले उड़ीसा) से कुछ जायरीन अमरोहा पहुंचे, उनके साथ डिब्बे में बंद एक बड़े आकार का बिच्छू भी था।
मजार पर मौजूद लोगों की बात पर यकीन कर जत्थे में आए एक जायरीन ने हिम्मत करकर उसे अपनी हथेली पर रखा तो बिच्छू ने अपना डंक ऊपर कर लिया। अमरोहा, मुतवल्ली दरगाह शाह विलायत, हसन शुजा नकवी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दरगाह परिसर में बिच्छू के डंक नहीं मारने की करामात देखने के लिए लोग दुनियाभर से अमरोहा आते हैं। बीते दिनों कुछ लोग ओडिशा से भी बड़ा बिच्छू भी लाए थे, जो इस वक्त दरगाह में ही मौजूद है।