भास्कर न्यूज | बालोद ग्राम पंचायतों में सरपंच व पंच पदों के आरक्षण की प्रक्रिया की तिथि निर्धारित होते ही ग्रामीणों में उत्सुकता के साथ बेचैनी भी देखने को मिल रही है। वहीं आरक्षण को लेकर लोगों में यह आशंका भी है कि कहीं आरक्षण अन्य वर्ग के लिए आरक्षित ना हो जाए। कई ऐसी पंचायतें हैं, जहां जिस वर्ग की बहुलता होती है उसके लिए सरपंच का पद आरक्षित ना होकर दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो जाता है। ऐसे में बहुसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधि सरपंच पद के लिए चुनाव नहीं लड़ पाते है। जिसके कारण ग्रामीण अधिकारियों के पास फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं। गुंडरदेही ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेलौदी के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपने पंचायत को पिछड़ा वर्ग पुरुष के लिए आरक्षित करने की मांग की। ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने बताया कि ग्राम बेलौदी एक स्वतंत्र पंचायत है। यहां की आबादी लगभग 5 हजार की है। जिसमें 3 हजार से अधिक मतदाता है। इनमें 80% से अधिक पिछड़ा वर्ग से हैं। लेकिन पिछले 25 साल से यहां सरपंच का पद अन्य वर्ग या महिला के लिए आरक्षित होते आ रहा है।