तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, ‘मस्जिदों एवं नमाजियों को निशाना बनाना अक्षम्य अपराध है। देश को अपराधियों का सफाया करने में शासन का साथ देना चाहिए। किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार को एक मस्जिद के समीप कार बम विस्फोट में कम से कम सात लोगों की मौत हो गयी जबकि कई बच्चों समेत 41 अन्य घायल हो गए। किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सालभर पहले अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से इस तरह के एक के बाद कई हमले हुए हैं।
शहर के राजनयिक क्षेत्र में आज इस विस्फोट के बाद आसमान में काला धुंआ छा गया और इस दौरान कई मिनट तक गोलियों की आवाज सुनी गयी। गृहमंत्रालय में तालिबान द्वारा नियुक्त प्रवक्ता अब्दुल नाफी टाकोर ने बताया कि मस्जिद के समीप सड़क के किनारे विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी खड़ी की गयी थी और जुमे की नमाज के बाद नमाजी जब मस्जिद से बाहर आ रहे थे तब उसमें विस्फोट कराया गया। टाकोर ने कहा कि पुलिस मौके पर है और जांच चल रही है।
यहां इटालियन इमरजेंसी अस्पताल ने पहले बताया था कि उसके यहां 14 घायलों को लाया गया जिनमें चार ने अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता खालिद जदरान ने बताया कि जुमे के नमाज के बाद वजीर अकबर खान मस्जिद से जा रहे नमाजियों को निशाना बनाकर यह धमाका किया गया था।
इस बीच काबुल में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्वीट किया कि बम हमला ”अफगानिस्तान में चल रही असुरक्षा एवं आतंकी गतिविधि का एक अन्य कटु याद दिलाता है।’ उसने कहा, ‘हमारी संवेदना मारे गये लोगों के साथ है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’