25 वर्षीय वर्षा दास नौ दिसंबर को जब अपने घर में काम कर रही थी तब उसका दुपट्टा और हाथ चावल कटाई मशीन में फंस गया.

भुवनेश्वर: 

भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों की एक टीम ने एक महिला के पूरी तरह कट गये हाथ का सफल प्रतिरोपण किया है. संस्थान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आठ घंटे तक चले ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने इस कटे हुए हाथ को फिर जोड़ दिया. उनके अनुसार पुरी की 25 वर्षीय वर्षा दास नौ दिसंबर को जब अपने घर में काम कर रही थी तब उसका दुपट्टा और हाथ चावल कटाई मशीन में फंस गया. उनके मुताबिक उसे तत्काल एक स्थानीय सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया.

अधिकारी ने बताया कि कटे हुए हाथ को बर्फ में रख दिया गया और मरीज को उसी दिन रात नौ बजे एम्स भुवनेश्वर के आपात विभाग में लाया गया.

उन्होंने बताया कि बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. संजय कुमार गिरि की अगुवाई में एक टीम द्वारा उसी रात करीब साढ़े ग्यारह बजे मरीज के कटे हुए हाथ का प्रतिरोपण करने की योजना बनायी गयी.

गिरि ने कहा, ‘यह सर्जरी सुबह आठ बजे तक चली और मरीज को फिर आईसीयू में पहुंचा दिया गया. उसके दसवें दिन हम मरीज को फिर ऑपरेशन कक्ष में लेकर आये क्योंकि कोहनी की त्वचा अच्छी नहीं थी.”

उन्होंने बताया कि टीम ने खराब पड़ चुकी त्वचा को हटाया और उसे त्वचा निरोपण (स्कीन ग्राफ्ट) से ढ़क दिया.

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि आज इस घटना के करीब दो सप्ताह हो चुके हैं और अब ‘हाथ ठीक है.”

एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष विश्वास वार्ड में वर्षा को देखने गये और उन्होंने एम्स के डॉक्टरों के प्रयास की सराहना की.

वर्षा ने बृहस्पतविार को कहा कि वह विकलांग होने से बच गयी और उसे उसका हाथ फिर मिल गया. उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं अहसास करती हूं कि क्यों लोग डॉक्टरों को दूसरा भगवान कहते हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा हाथ ठीक हो पाएगा.”

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