दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें यमुना सफाई के मामले में उपराज्यपाल को हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था.

दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. कोर्ट ने यमुना की सफाई से जुड़ी उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष उपराज्यपाल को बनाने के फैसले पर रोक लगा दी है.  कोर्ट ने NGT के फैसले पर रोक लगाई है.  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है.

दिल्ली सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने NGT के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें यमुना सफाई के मामले में उपराज्यपाल को हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. दिल्ली सरकार का कहना है कि एनजीटी का यह आदेश दिल्ली में गवर्नेंस की संवैधानिक योजना और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेशों का उल्लंघन है. दिल्ली में तीन विषयों को छोड़कर बाकी सब विषयों पर चुनी हुई सरकार का अधिकार है. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार  सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.

एनजीटी ने अपने एक फैसले में यमुना की सफाई से जुड़ी उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष उपराज्यपाल को बनाने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार ने एनजीटी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की  सविधान पीठ के आदेश में दी गई व्यवस्था के खिलाफ बताया है. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने इसी साल 9 जनवरी को पारित अपने आदेश में डीडीए के चेयरमैन होने के नाते उपराज्यपाल को यमुना स्वच्छता कमिटी का पदेन अध्यक्ष बनने को कहा था. यमुना की सफाई पर चिंता जताते हुए एनजीटी ने कहा था कि न्यायिक निगरानी के बावजूद दिल्ली में यमुना की सफाई का काम ढंग से नहीं हुआ है. लिहाजा इसमें गंभीरता के साथ तेजी लाने की जरूरत है.

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