खैरागढ़ की जीवनदायिनी मुस्का नदी कचरे और प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। नगर पालिका द्वारा स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद नदी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की इस नदी का पानी इतना प्रदूषित हो चुका है कि इससे पशु भी बीमार पड़ रहे हैं। नदी के किनारे चारों तरफ कचरे का अंबार, मिट्टी और अन्य अपशिष्ट जमा हो चुके हैं, जिससे वार्डवासी और शहरवासी परेशान हैं। छूने से भी डर रहे लोग स्थानीय निवासी मनोहर सेन के मुताबिक, जो नदी कभी मूर्ति विसर्जन और स्नान के लिए प्रयोग की जाती थी, आज उसे छूने से भी लोग डरते हैं। दुकानदारों और आसपास के निवासियों द्वारा लगातार कचरा फेंके जाने से स्थिति और बिगड़ती जा रही है। आस्था का प्रतीक है मुस्का नदी मुस्का नदी खैरागढ़ के लिए केवल जल स्रोत ही नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक और पर्यावरणीय संतुलन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। दुर्गंध और गंदगी से परेशान रहवासी पानी की दुर्गंध और बढ़ती गंदगी से क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही प्रशासन द्वारा कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो यह ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की नदी केवल इतिहास का हिस्सा बनकर रह जाएगी।