बिलासपुर नगर निगम में भाजपा की महापौर प्रत्याशी एल.पद्मजा उर्फ पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताने के आरोप को रिटर्निंग आफिसर ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही पूजा विधानी के चुनाव मैदान में बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि, चूंकि जाति का मामला छानबीन समिति का है और आपत्ति के साथ कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, इसलिए आवेदन खारिज किया कर दिया गया है। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक ने उनकी जाति प्रमापणपत्र पर आपत्ति जताते हुए नामांकन निरस्त करने की मांग की थी। बुधवार को यह पूजा विधानी की जाति का मामला पूरे दिन गरमाया रहा। नामांकन पत्र खारिज होने से लेकर भाजपा के प्रत्याशी चयन को लेकर लोग उंगली उठाते रहे। दरअसल, नगर निगम में मेयर का पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने के बाद भाजपा ने पूर्व ने​ता प्रतिपक्ष व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के करीबी अशोक विधानी की पत्नी पूजा विधानी को प्रत्याशी बनाया है। उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही इनकी जाति को लेकर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। मूल रूप से दक्षिण भारतीय एल.पद्मजा को प्रत्याशी बनाने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है। इधर, कांग्रेस ने कुर्मी समाज से प्रमोद नायक को टिकट दिया। नायक ने भाजपा प्रत्याशी पद्मजा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी। उन्होंने पद्मजा के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए कहा कि वे तेलंगाना राज्य से हैं और तेलगु हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की पात्रता नहीं है। उनके पिता एल. नारायण राव बिलासपुर में रेलवे में ड्राइवर के पद पर थे। वे सामान्य जाति के थे। कांग्रेस उम्मीदवार ने इस आधार पर जताई आपत्ति
नगर पालिका निगम चुनाव 2025 के गाइड लाइन में प्रारूप 3 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का पिछड़ा जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होगा। ओबीसी आरक्षण का लाभ उन्हीं को मिलेगा, जो छत्तीसगढ़ में पैदा हुए हैं। अन्य राज्यों में पैदा हुए लोगों को छत्तीसगढ़ राज्य में ओबीसी का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता। एल.पद्मजा ओबीसी नहीं हैं, उनके पास कलेक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र नहीं है। रिटर्निंग ऑफिसर अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी ने उन्हें शाम 5 तक की गई आपत्ति के संबंध में प्रमाण प्रस्तुत करने कहा। शाम को जब कांग्रेस के अधिवक्ता प्रदीप राजगीर पहुंचे, तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उनसे आपत्ति किए जाने का आधार मांगा। आधार नहीं होने पर यह कहते हुए आपत्ति खारिज कर दी गई कि जाति प्रमाण पत्र का मामला छानबीन समिति का होता है। वे कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके, इसलिए आपत्ति खारिज की जा रही है। एडवोकेट बोले- भाजपा पदाधिकारी की तरह किया व्यवहार
कांग्रेस की आपत्ति खारिज होने के बाद पार्टी के एडवोकेट प्रदीप राजगीर ने रिटर्निंग ऑफिसर अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी पर भाजपा के पदाधिकारी की तरह व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे कुर्सी पर कोई अफसर नहीं, भाजपा के पदाधिकारी बैठे हैं। उन्होंने कहा कि बिना सुने ही आपत्ति को खारिज कर दिया गया। स्पष्ट है कि अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 27 जनवरी को भाजपा प्रत्याशी एल. पद्मजा द्वारा जमा किया गया नामांकन फॉर्म, पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र और शपथ पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि की मांग की थी, लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया। अधिकारी ने दूर से जाति प्रमाण पत्र दिखाया। जाति प्रमाण पत्र नहीं देने से भी लगता है कि प्रमाण पत्र फर्जी है। जाति प्रमाणपत्र विवाद को लेकर कांग्रेस जा सकती है हाईकोर्ट
कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी प्रमोद नायक, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया है कि जिस अधिकारी ने जाति प्रमाणपत्र जारी किया है, उसके खिलाफ शिकायत कर एफआईआर कराई जाएगी। फिलहाल, नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस अब भाजपा प्रत्याशी पूजा विधानी की जाति प्रमाणपत्र के विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकती है। विधायक श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा ने जिसे मेयर का टिकट दिया है, उनकी बहन सामान्य जाति की हैं, जबकि वह खुद को ओबीसी बता रही हैं और इसका प्रमाण पत्र उनके द्वारा प्रस्तुत किया गया है।

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