तारीख 6 जनवरी, समय दोपहर 2 बजे और जगह उसूर ब्लॉक के कुटरू का अंबेली गांव। यह वो समय और तारीख है, जब बीजापुर जिले में नक्सलियों ने DRG जवानों से भरी एक गाड़ी को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। जिसमें 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए। यह साल 2025 का पहला सबसे बड़ा नक्सली हमला है। धमाका इतना जोरदार था कि गाड़ी के परखच्चे और जवानों के चिथड़े उड़ गए। ड्राइवर के शरीर के इतने टुकड़े हुए की उसका शव ढूंढ पाना भी मुश्किल था। घटना स्थल से करीब 500 मीटर के दायरे में शव और गाड़ी के पार्ट्स फेंका गए। नदी में भी शव के टुकड़े गिरे, जिसे जवानों ने निकाला। दैनिक भास्कर की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची, तो पता चला कि जिस जगह धमाका हुआ वहां एनकाउंटर से लौट रहे साथियों को निकालने के लिए पहले से ही ROP (रोड ओपनिंग पार्टी) लगी हुई थी। नक्सलियों ने सड़क बनते समय ही 50 किलो IED प्लांट किया था। मुठभेड़ के बाद रात में ब्लास्ट की साजिश रची थी। ROP ड्यूटी पर थे जवान DRG और CRPF के जवान इलाके की खाक छान रहे थे। जवान सड़क के दोनों तरफ नजदीक में ही खड़े थे। जबकि सड़क से करीब 300 से 400 मीटर अंदर नक्सली पहले से ही एंबुश लगाकर बैठे थे। लेकिन उन्होंने धमाके से पहले फोर्स पर फायरिंग नहीं कि, क्योंकि उनका टारगेट सिर्फ फोर्स से भरी हुई गाड़ी थी। इसी बीच जवानों से भरी एक के बाद एक 10 गाड़ी निकली और 11वें नंबर की गाड़ी को माओवादियों ने IED की चपेट में ले लिया। जिससे 12वें नंबर की गाड़ी के भी कांच टूट गए। हालांकि उसमें सवार जवान और ड्राइवर सुरक्षित हैं। ब्लास्ट के बाद की फायरिंग जब धमाका हुआ तो नक्सलियों ने जवानों का ध्यान भटकाने और वहां से भागने के लिए 4 से 5 मिनट तक फायरिंग की। धमाके की आवाज सुनकर सामने गईं गाड़ियां भी रुक गईं थी। जवान नीचे उतरे। वहीं ROP ड्यूटी पर निकले जवानों के साथ मोर्चा संभाला और नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। जब कुटरू और बेदरे कैंप में घटना की जानकारी मिली, तो बैकअप पार्टियां आनी शुरू हुई। 6 पेड़, एक पुल और डामर-सीसी सड़क के जॉइंट में प्लांट था बम नक्सलियों ने IED प्लांट करने के लिए पुल से करीब 50 मीटर दूर जहां सीसी सड़क खत्म हुई और डामर की सड़क शुरू थी। उसके बीच की जगह चुनी थी। उस जगह पर करीब 50 किलो की IED प्लांट की थी, वहां सड़क किनारे 6 से 7 पेड़ राउंड आकर में थे। जिसे समझना नक्सलियों के लिए काफी आसान था। बताया जा रहा है कि, जब सड़क बनी थी तभी नक्सलियों ने यहां बम दबाकर और तार खींचकर रखा था। लेकिन, घटना से ठीक पहले 300 मीटर लंबा तार जोड़ा और पेड़ के पीछे से जंगल की तरफ लेकर चले गए। मुठभेड़ के बाद जवानों ने रास्ता बदला कुटरू कैंप से बेदरे कैंप की दूरी महज 20 किलोमीटर है। वहीं कुटरू कैंप से 4 किलोमीटर की दूरी पर ही माओवादियों ने IED ब्लास्ट कर दी। नक्सलियों को पता चल गया था कि मुठभेड़ के बाद जवानों ने अपना रुट बदल लिया है। वे इंद्रावती नदी को पार कर बेदरे और फिर कुटरू होते हुए लौटेंगे। बस्तर में जवान जब भी किसी ऑपरेशन पर निकलते हैं, तो अमूमन जिस रास्ते से होकर जाते हैं, उस रास्ते से बहुत कम वापस आते हैं। घटना के एक दिन पहले 5 नक्सली हुए थे ढेर दरअसल, IED ब्लास्ट की घटना के ठीक एक दिन पहले ही दंतेवाड़ा, जगदलपुर, नारायणपुर समेत 4 जिलों के 1 हजार जवानों ने बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया था। जिसमें 5 माओवादियों को मार गिराया था। हालांकि मुठभेड़ में दंतेवाड़ा पुलिस का एक जवान भी शहीद हो गया था। जवानों के आने की जानकारी मिली थी, तो कर ली थी तैयारी बौखलाए नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए रात में ही प्लानिंग कर ली थी। उन्हें पता चल गया था कि, अगले दिन इसी रास्ते से जवान लौटेंगे। इसलिए उन्हें IED ब्लास्ट की चपेट में लेने के लिए यही रास्ता चुना था। जिस दिन घटना हुई, उस दिन नैमेड गांव का बाजार था। नक्सली पहले ही इलाके की रेकी कर चले गए थे। पिछली घटना से भी सबक नहीं दरअसल, अप्रैल 2022 में भी नक्सलियों ने ठीक इसी तरह दंतेवाड़ा में IED ब्लास्ट कर जवानों से भरी तूफान वाहन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। जिसमें 10 जवान और एक वाहन चालक शहीद हुए थे। जवान इसी चार चक्का वाहन से इसी इलाके से ऑपरेशन पर गए थे। इसी सड़क से चार चक्का वाहन के माध्यम से लौट रहे थे। इस घटना के बाद भी सबक नहीं लिया और नक्सल गढ़ से निकलने के लिए दोबारा बड़ी गाड़ी में लौटने की वही गलती दोहरा दी। जवानों का दर्द… बोले- हम किसे दोष दें DRG के एक जवान ने दैनिक भास्कर से संर्पक किया। वे बिलख पड़े। उन्होंने कहा कि, मैं भी इस टीम में शामिल था। ऑपरेशन से लौट रहे थे और धमाका हो गया। साथियों के चिथड़े देखा। हम निचले स्तर के जवान हैं। अधिकारी जो बोलते हैं हम वही करते हैं। ऑपरेशन में आने-जाने के लिए हम कभी भी बड़ी गाड़ियों में जाना पसंद नहीं करते। लेकिन अब हुई घटना के बाद हम किसे दोष दें ? IG बोले- हाई क्वालिटी की लगाई थी IED बस्तर के IG सुंदरराज पी ने कहा कि, नक्सलियों ने हाई क्लालिटी की IED लगाई थी। धमाका काफी जोर का हुआ है। संभावना है कि नक्सलियों ने कमांड ID का इस्तेमाल किया है। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम मामले की जांच कर रही है। जांच कर बाद बाकी जानकारी दी जाएगी। IG ने कहा कि आज सभी जवानों को अंतिम विदाई दी जाएगी। ………………………………… इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल ब्लास्ट, 8 जवान शहीद: ड्राइवर भी मारा गया; सड़क पर 10 फीट का गड्ढा, 25 फीट ऊंचे पेड़ पर मिला गाड़ी का मलबा छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सोमवार को जवानों को लेकर जा रहे वाहन को ब्लास्ट कर उड़ा दिया। हमले में दंतेवाड़ा DRG के 8 जवान शहीद हो गए। एक ड्राइवर की भी मौत हुई है। पढ़ें पूरी खबर…