भास्कर न्यूज | कांकेर इमलीपारा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी को बसे सात साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक यहां पानी की बेहतर व्यवस्था नहीं हो पाई है। लोग खुले में ही कचरा फेंक रहे हैं। सफाई भी नहीं होती है। नाली की भी दो वर्ष से सफाई नहीं कराई गई है। कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट लगी है, लेकिन आधी बंद पड़ी है। रात में कॉलोनी में प्रवेश करने पर अंधेरा होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा बढ़ जाता है। गुणवत्ता के अभाव में कई मकानों की दीवारों में दरारें आने लगी है। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने की भी शिकायत है। कॉलोनी में जंगली जानवरों के साथ कुत्तों का भी आंतक है। शहर के इमली पारा में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी 7 साल पहले बसी व यहां 200 परिवार रहते हैं। कॉलोनी में कोई कूड़ादान नहीं बनाया गया है। डस्ट​िबन तक नहीं है। कॉलोनी में पानी की समस्या है। बड़ी टंकी से पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन घरों में पर्याप्त पानी नहीं आता। सुबह एक घंटा पानी मिल पाता है। शाम को आधा घंटा पानी मिलता है। गार्डन के लिए जगह आरक्षित है, लेकिन गार्डन नहीं बन पाया है। अनुपयोगी झाड़ियां उग गई है। जंगली जानवरों के साथ सांप व बिच्छू के छिपे रहने से खतरा बढ़ जाता है। कई खाली पड़े निर्माणाधीन मकान में अनुपयोगी झाड़ियां उग आई है। कॉलोनी के कुछ मकानों में तो दरारें आ गई है और पानी टपकता है। मरम्मत की मांग की गई, लेकिन छग गृह निर्माण मंडल के अधिकारी मरम्मत करने ध्यान नहीं दे रहे हैं। कॉलोनी में बनाई बाउंड्रीवाल में गैप है, जहां से जंगली जानवर घुस जाते हैं। कॉलोनी में कुत्तों का बहुत ज्यादा आतंक है। सप्ताह भर पहले कुत्ते ने 9 साल के बच्चे वेदांश के साथ दो अन्य को भी काटा था। कॉलोनी में काफी ज्यादा अव्यवस्था, घरों में दरार कॉलोनी की रिंकी नाग, रंजना वर्मा, पूनम शर्मा, साधना यादव, ज्ञानबाई चक्रधारी, नीरा नेताम ने कहा कॉलोनी में काफी ज्यादा समस्या है। नाली की सफाई नहीं होने हो पा रही है। कूड़ादान नहीं होने से कचरा खुले में ही फेंक रहे हैं। अनुपयोगी झाड़ियां कई जगह है। स्ट्रीट लाइट को लेकर समस्या है। कॉलोनी के शीतल यादव ने कहा कुछ घरो में मकानों में दरारें आ गई है। मरम्मत कराना चाहिए। पानी की भी काफी समस्या है।

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