दिल्ली में हर साल दो लाख टन से ज्यादा ई-कचरा पैदा होता है, जो देशभर में उत्पादित कुल ई-कचरे का लगभग 9.5 फीसदी हिस्सा है। दिल्ली में पैदा महज पांच फीसदी ई-कचरे को ही ठीक तरीके से रिसाइकिल किया जाता है।

दिल्ली के होलंबी कलां में 12 एकड़ भूमि में भारत का पहला ई-कचरा ईको पार्क बनेगा। यह पार्क लगभग 23 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण को लेकर पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों के साथ एक संयुक्त समीक्षा बैठक की।

राय ने कहा कि भारत का पहला ई-कचरा ईको पार्क दिल्ली के होलंबी कलां में बनेगा और यह 12 एकड़ भूमि में फैला होगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए 11 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया गया है और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को इसकी क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है।

गोपाल राय के मुताबिक, ईको पार्क का निर्माण तेजी से पूरा करने के लिए संबंधित एजेंसी को जल्द से जल्द एक सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में हर साल दो लाख टन से ज्यादा ई-कचरा पैदा होता है, जो देशभर में उत्पादित कुल ई-कचरे का लगभग 9.5 फीसदी हिस्सा है। राष्ट्रीय राजधानी में पैदा महज पांच फीसदी ई-कचरे को ही ठीक तरीके से रिसाइकिल किया जाता है।

 राय ने कहा कि ई-कचरा ईको पार्क से हमारा अभिप्राय एक ऐसी जगह की स्थापना है, जहां ई-कचरे को इस तरह से तोड़ा, नवीनीकृत, रिसाइकिल और नई वस्तु में ढाला जाता है, जो विज्ञान और पर्यावरण के अनुकूल हो।

उन्होंने कहा कि ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण का फैसला इस तथ्य के मद्देनजर किया गया है कि दिल्ली भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद ई-कचरा की पांचवीं सबसे बड़ी उत्पादक है। राय ने दावा किया कि इस ई-कचरा ईको पार्क के निर्माण से ई-कचरे से होने वाले प्रदूषण के स्तर में भारी कमी लाई जा सकेगी।

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