छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने मनमोहन कमेटी के निर्देशानुसार अपने सभी पार्षदों को 5 महीने का वेतन जमा कराने के निर्देश दिए हैं। ये राशि जमा करने के बाद ही पार्षद चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी की गई है। रायपुर नगर निगम के सभी 34 कांग्रेसी ने अपनी 5 माह की वेतन राशि जमा कर दी है। वहीं, जबकि दुसरे जिलों के कई पार्षदों ने अब तक राशि जमा नहीं कराई है। ऐसे में इन पार्षदों को चुनाव लड़ने से पहले पार्टी से नो ड्यूज कराना भी जरुरी होगा। दूसरे जिलों में भी प्रभाव मनमोहन कमेटी के इस फरमान का असर सिर्फ रायपुर तक ही सीमित नहीं रहा। प्रदेश के अन्य जिलों में भी कांग्रेस पार्षदों ने अपनी बकाया राशि जमा कराई है। जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) ने यह राशि एकत्र कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। क्यों जरूरी है यह राशि जमा करना? पार्षदों को स्पष्ट किया गया है कि अगर वे राशि जमा नहीं करेंगे, तो उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। यही कारण है कि जो पार्षद बीते पांच सालों से अपनी वेतन राशि जमा नहीं कर रहे थे, उन्होंने अब एकमुश्त राशि जमा कर दी है। मनमोहन कमेटी के तहत जनप्रतिनिधियों से राशि जमा कराने का यह फॉर्मूला पार्टी की आर्थिक मजबूती के लिए जरूरी है। पार्टी की आर्थिक तंगी में राहत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस कदम को पार्टी की आर्थिक स्थिति सुधारने का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। निवर्तमान सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि रायपुर के अधिकांश पार्षदों ने अपनी राशि जमा करा दी है। कुछ पार्षद, जो शहर से बाहर हैं, वे जल्द ही अपनी राशि जमा करेंगे। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ये निर्देश AICC से पद में बैठे सभी जनप्रतिनिधियों के लिए 12 महीने में से 1 महीने का वेतन कमेटी में जमा कराना होता है। चाहे वो विधायक हो, सांसद हो या फिर पार्षद, बैज ने कहा कि हमने भी विधायक सांसद रहते हुए ये राशि जमा की है लेकिन पिछले 5 साल में अब तक जिला कमेटियां ये राशि नहीं ले पाई है। इसके लिए नो ड्यूज कराया जाएगा। लेकिन अभी रिलेक्सेशन लिया जा रहा है। कांग्रेस को मिलेगा सात करोड़ का आर्थिक सहयोग छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य राज्यों में कांग्रेस की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए ये कवायद की जा रही है। प्रदेश में 1200 से अधिक पार्षदों से ₹55,000 के औसत से लगभग 7 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। यह न केवल पार्टी की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि चुनावी तैयारियों को भी मजबूत बनाएगा।

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