कर संयुक्त संचालक शिक्षा ने तीन दिन में तीन बार आदेश बदलकर कर अजब कारनामा कर दिया है। आर्थिक अनियमितता के मामले में सक्ती के कलेक्टर के आदेश पर शिक्षिका को सस्पेंड किया। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देश की गलत व्याख्या कर शिक्षिका को बहाल कर दिया। खबर छपने के बाद शिक्षा सचिव ने जेडी की क्लास ली, तो एक बार फिर आदेश पलटते हुए शिक्षिका को निलंबित कर दिया। संयुक्त संचालक के पद पर रहते हुए तीन दिन में तीन बार अपने ही आदेश को बदलने का शायद यह पहला मामला होगा। सक्ती जिले के मालखरौदा में पदस्थ बीआरसी सविता त्रिवेदी का मूल पद प्रधान पाठक है। उन पर आर्थिक ​अनियमितता का आरोप लगा था। सक्ती के कलेक्टर ने 12 दिसंबर 2024 को जेडी को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जेडी आरपी आदित्य ने कलेक्टर के पत्र का हवाला देते हुए महिला शिक्षिका को 24 दिसंबर को आदेश जारी कर निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश के विरोध में शिक्षिका ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने याचिका और अंतरिम राहत के आवेदन पर जवाब प्रस्तुत करने चार सप्ताह का समय मांगा। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होनी है, लेकिन जेडी ने कोर्ट के निर्देश की गलत व्याख्या करते हुए शिक्षिका को बहाल कर दिया। जेडी ने निलंबन समाप्ति आदेश में लिखा कि कोर्ट ने महिला शिक्षिका को अंतरिम राहत प्रदान किया है, इसलिए उसे बहाल किया जाता है।

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