बलरामपुर जिले में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति का संघर्ष 60 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ। वाड्रफनगर जनपद पंचायत के चरचरी गांव के लखारपारा में रहने वाले 140 लोग पीने के पानी के लिए आज भी संघर्ष कर रहे है। वे नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है। हालात इतने बदतर हैं कि ग्रामीण नदी में गड्ढे खोदकर दूषित पानी पी रहे है। इस पानी के उपयोग से ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं, बच्चे कुपोषित हो रहे है। जान जोखिम में डालकर पानी लेने जाते है पहाड़ी कोरवा जनजाति के परिवारों का कहना है कि यहां गांव तक सड़क नहीं होने से जंगल के रास्ते से आना जाना पड़ता है। जंगल में बाघ, भालू और हाथियों का हमेशा डर बना रहता है। यह क्षेत्र जंगली जानवरों से भरा पड़ा है। ऐसे में जान जोखिम में डालकर पानी लेने जाते हैं। जल जीवन मिशन योजना विफल गांव में हर घर नल योजना के माध्यम से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत नल के स्टैंड पोस्ट लगाए गए थे, लेकिन योजना लागू हुए एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नलों में पानी नहीं आया। ग्रामीण आज भी पानी के लिए भटक कर रहे हैं। तीन साल पहले किए गए वादे अधूरे तीन साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने अपने प्रशासनिक अमले के साथ गांव का दौरा किया था। उन्होंने गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के कई वादे किए थे, लेकिन आज तक उन वादों पर कोई अमल नहीं हुआ। ग्रामीण अब इन खोखले वादों से नाराज हैं। सरपंच से लेकर कलेक्टर तक शिकायत लोगों का कहना है कि जिम्मेदार से शिकायत करने के बाद भी यहां के हालत नहीं सुधरे हैं। सरपंच से लेकर कलेक्टर तक लिखित में शिकायत कर चुके है, लेकिन किसी ने समस्या नहीं सुनी। बच्चों में भी कुपोषण नजर आ रहा है। ग्रामीणों की समस्या की कोई जानकारी नहीं दैनिक भास्कर से वाड्रफनगर जनपद पंचायत के सीईओ मोहम्मद निजामुद्दीन ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों की समस्या की कोई जानकारी ही नहीं है। जब उनसे लखारपारा की समस्याओं पर सवाल किया गया तो कैमरे के सामने गोलमोल जवाब दिए। पहाड़ी कोरवा जनजाति के बारे में जानिए पहाड़ी कोरवा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक पिछड़ी जनजाति है। ये जनजाति राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी कहे जाते है। ये सभी पंडो समुदाय से आते है। पंडो जनजाति एक ऐसा समुदाय है, जो आज भी घरों में तीर धनुष को सहेज कर रखता है। इस जनजाति के लोग आधुनिकता से दूर पहाड़ो और जंगलों में बसते है। छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवा जनजाति विशेष रूप से जशपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कोरबा और रायगढ़ जिलों में पाए जाते है।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed