प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे.
चेन्नई:
तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है, आधिकारिक सूत्र से ये जानकारी मिली है. पूछताछ के एक लंबे सत्र के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. मंगलवार को उन्हें बेचैनी की शिकायत के बाद शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि वी. सेंथिल को आज एक विशेष अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी.
बुधवार को ईडी, बालाजी को मेडिकल परीक्षण के लिए चेन्नई के ओमांदुरार सरकारी अस्पताल ले आई. अस्पताल के बाहर का दृश्य हाई वोल्टेज ड्रामा से भरा था. एंबुलेंस में अस्पताल लाए गए डीएमके नेता को वाहन के अंदर दर्द से कराहते और रोते देखा गया, जबकि उनके समर्थक बाहर खड़े होकर जांच एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी और कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां और इरोड के अलावा बालाजी के गृह जिले करूर में भी तलाशी ली गई. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि यहां सचिवालय में बालाजी के कार्यालय के कमरे में भी तलाशी ली गयी. पांच साल में यह दूसरी बार है, जब केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने सचिवालय के अंदर तलाशी ली. दिसंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मृत्यु के कुछ दिन बाद तत्कालीन मुख्य सचिव पी. राम मोहन राव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आयकर अधिकारियों ने सचिवालय में तलाशी ली थी.
करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रमुक के कद्दावर नेता बालाजी ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि अधिकारी उनके परिसरों पर क्या खोजने आए थे. उन्होंने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बालाजी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापेमारी को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को ‘पिछले दरवाजे से डराने-धमकाने’ में लिप्त है. उन्होंने अपने सहकर्मी के खिलाफ जांच एजेंसी की कार्रवाई की आलोचना की.
स्टालिन ने एक बयान में कहा, “भाजपा जिन लोगों का राजनीतिक रूप से सामना नहीं कर सकती, उन्हें पिछले दरवाजे से डराने-धमकाने की उसकी राजनीति सफल नहीं होगी। वह समय नजदीक आ रहा है, जब वे खुद ही इसे महसूस करेंगे. लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि सचिवालय में मंत्री के कमरे की तलाशी लेने की क्या जरूरत थी.”
सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने ईडी की छापेमारी पर विरोध प्रकट किया और इसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच जारी बयानबाजी से ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया. द्रमुक के वरिष्ठ नेता और संगठन सचिव आर. एस. भारती ने कहा कि पार्टी ने अतीत में इस तरह के कई छापे देखे हैं, लेकिन उसके नेताओं के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी को बदनाम करने का प्रयास है.
राज्य की राजधानी चेन्नई और करूर में बालाजी के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं. ईडी के अधिकारियों ने इनके अलावा इरोड जिले में तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टस्मक) के एक लॉरी ठेकेदार के घर पर भी तलाशी ली. राज्य सरकार के स्वामित्व वाली यह संस्था तमिलनाडु में शराब का खुदरा कारोबार करती है. उच्चतम न्यायालय ने बालाजी के खिलाफ कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ईडी को जांच की अनुमति दे दी थी. वह राज्य का आबकारी विभाग भी संभालते हैं. बालाजी पहले अन्नाद्रमुक में थे और दिवंगत जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे.