छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में पिछले 35 साल की अपेक्षा इस साल औसत से कम बारिश हुई है। पानी नहीं होने से खेती किसानी चौपट हो गई है। सीएम ने सरगुजा संभाग में फसल नुकसान का सर्वे करने को कहा है।

छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में पिछले 35 साल की अपेक्षा इस साल औसत से कम बारिश हुई है। पानी नहीं होने से खेती किसानी चौपट हो गई है। सूखे के खतरे से जूझ रहे सरगुजा संभाग के जिलों में नजरी आकलन (फसल नुकसान का सर्वे) करने के निर्देश सीएम भूपेश बघेल ने दिए हैं। कांग्रेस के विधायकों ने सीएम से सरगुजा के कई तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की थी। सीएम के निर्देश के बाद सीएस अमिताभ जैन कलेक्टरों से चर्चा करेंगे। सरगुजा संभाग के जिलों में औसत वर्षा से 65 प्रतिशत कम पानी गिरा है।

बता दें कि सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और विधायक बृहस्पत सिंह ने सीएम भूपेश को एक पत्र लिखा था। चिट्ठी में कहा गया कि सरगुजा संभाग के 3 जिलों बलरामपुर, जशपुर और अंबिकापुर में इस साल अच्छी बारिश नहीं हुई है। खेतों में पानी नहीं है। फसल सूख चुके हैं। आगे बारिश होती है तब भी खेती-किसानी संभल नहीं पाएगी। इसलिए सरगुजा संभाग के ऐसे तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर रोजगार के काम शुरू कराए जाएं। बृहस्पत सिंह के अलावा भरतपुर-सोनहत के विधायक गुलाब कमरो, कुनकुरी विधायक यूडी मिंज, विधायक चिंतामणी महाराज ने सीएम को पत्र लिखा था।

सामान्य से 65 प्रतिशत कम पानी गिरा 
विधायकों की मांग पर सीएम भूपेश बघेल ने सरगुजा संभाग में कम वर्षा की वजह से होने वाले नुकसान का नजरी आकलन करने के निर्देश दिए हैं। इधर मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक एक जून से 31 जुलाई तक छत्तीसगढ़ में 579.2 मिलीमीटर तक बरसात हो चुकी है। यह सामान्य औसत 569 मिमी से 2% अधिक है। सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में 2 महीनों में केवल 229 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 65% है। जशपुर में 275 और बलरामपुर जिले में 207.4 मिमी पानी गिरा है। यह सामान्य से 64% कम है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग, कोरबा, रायपुर और बेमेतरा में भी अच्छी बारिश नहीं हुई है।

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