पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ को 2 साल के लिए सस्पेंड किया जाएगा। कांग्रेस की अनुशासन समिति ने सोनिया गांधी से इसकी सिफारिश कर दी है। इस पर अंतिम मुहर सोनिया गांधी लगाएंगी। इस फैसले पर सुनील जाखड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए सिर्फ कांग्रेस को गुड लक कहा। ऐसे में साफ है कि अब वह कांग्रेस में नहीं रहेंगे। कार्रवाई से पहले भी सुनील जाखड़ ने ट्वीट के जरिए कांग्रेस हाईकमान पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज सर कलम होंगे उनके, जिनमें अभी जमीर बाकी है।

जाखड़ को पूर्व CM चरणजीत चन्नी के संबंध में दिए बयान पर नोटिस दिया गया है। जाखड़ ने इस नोटिस का अब तक कोई जवाब नहीं दिया। यही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए संदेश दिया कि वह हाईकमान के आगे नहीं झुकेंगे। हालांकि, जाखड़ पर कार्रवाई से कांग्रेस में अंदरूनी कलह तेज हो सकती है। उनके जैसे नवजोत सिद्धू समेत कई नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं।

जाखड़ की नाराजगी, बात करने के बजाय नोटिस भेजा

सुनील जाखड़ पर आरोप लगे कि उन्होंने पूर्व CM चरणजीत चन्नी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बारे में पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने उनकी शिकायत की थी। वहीं जाखड़ इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस हाईकमान को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। इसकी जगह उन्हें सीधे नोटिस जारी कर दिया गया। जाखड़ का तर्क है कि वह पार्टी के हर अच्छे-बुरे वक्त में साथ रहे। उन्होंने कभी हाईकमान के खिलाफ बयानबाजी नहीं की।

एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर चुके जाखड़

इससे पहले सुनील जाखड़ एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर चुके हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। जाखड़ इस बात से नाराज थे कि पहले बिना वजह उन्हें हटाकर नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया गया। फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह वह सिर्फ इसलिए CM नहीं बन सके क्योंकि वह हिंदू हैं। इस विवाद के पीछे की वजह अंबिका सोनी को मानते हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि पंजाब का CM सिख समाज से होना चाहिए, जिससे जाखड़ का पत्ता साफ हो गया।

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