सायबर फ्रॉड की राशि का सेटलमेंट करने वाले गिरोह के 35 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में 15 खाता धारक और 20 खाते उपलब्ध कराने वाले शामिल हैं। यह गिरोह 5 से 10 हजार रुपए में बचत खाते मुहैया कराते हैं। वहीं कॉरपोरेट खातों को उपलब्ध कराने के लिए 1 लाख तक लेते थे। ऐसे खातों में 5 करोड़ तक का ट्रांजेक्शन संभव हो पाता था। पुलिस की जांच में पता चला हैं कि इस पुरे सायबर फ्रॉड के पीछे ऑनलाइन महादेव सट्टा एप का पैनल संचालित करने वाले शामिल हैं। यही सटोरिए नुकसान होने पर खुद के साथ सायबर फ्रॉड होने की शिकायत ऑनलाइन कर रहे हैं। सायबर फ्रॉड की पूरी जांच अब महादेव कनेक्शन से जुड़ गई है। सायबर फ्रॉड की राशि हेरफेर करने वाली गैंग में बीटेक एरोनोटिक्ल इंजीनियरिंग छात्र,एमबीए और अकाउंटेंट शामिल हैंं। वहीं जिन लोगों के खाते किराए में लेकर उपयोग किया जा रहा था,उनमें सेल्सगर्ल,चायवाले,पंचर वाले,बेरेजगार युवक,मैकेनिक,कार वॉश करने वाले,कॉलेज छात्र शामिल हैं। फ्रॉड की राशि दिल्ली और सूरजपुर से ट्रांसफर की गई है। पुलिस के मुताबिक खातों में शेयर ट्रेडिंग समेत कई तरह के फ्रॉड की राशि ट्रांसफर की गई है। ये पूरा पैसे म्यूल अकाउंट (किराए के खाते) में जमा की गई। सभी संदिग्ध खाते स्टेशन रोड़ स्थित कर्नाटका बैंक में खोले गए थे। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ऐसे 111 संदिग्ध खातों की जांच कर रही है। कई खाते ऑनलाइन गैंम्बलिंग में हुए इस्तेमाल
एएसपी अभिषेक झा के मुताबिक मोहन नगर और क्राइम ब्रांच पूरे मामले की जांच कर रही हैं। पता चला है कि कई खाते ऐसे मिले है,जिनका उपयोग ऑनलाइन गैंम्बलिंग में भी उपयोग हुआ है। इससे ऐसा लग रहा है कि महादेव सट्टा में पैसा हारने वाले या पैनल संचालित करने वाले साबयर फ्रॉड की शिकायत कर रहे हैं। खाते उपलब्ध कराने वाले डीलरों को पास से कई खाते मिले हैं। एक-एक डीलर के पास 10 से 15 खाते मिले हैं। केंद्र सरकार से मिले 111 संदिग्ध खाते में अब तक 15 खातों की जांच हो पाई है। इन खाता धारकों की जांच के बाद बाकी 20 लोगों की चेन जुड़ पाई। बाकी खातों की जांच के बाद आरोपियों की संख्या और बढ़ जाएगी। 3 महिला और 5 पुरुष हैं खातों में मेन डीलर जांच में सामने आया है कि श्वेता,उसकी बहन एकता और प्रेम पांडे,रितेश पांडे,करण,कंचन एक्का,रॉबिन और रितेश कुजुर खाते की खरीद फरोख्त में शामिल हैंं। इसी गैंग ने खाता धारकों के लिए पूरी चैन तैयार की। कंचन नाम की महिला के पास ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के 5 करोड़ है। जिसे अलग अलग खातों में ट्रांसफर करके एटीएम के माध्यम से निकालना है। इसके बाद पुरी गैंग ने पैसों की हेरफेर के लिए खातों का इंतजाम किया। पुलिस के मुताबिक रॉबिन ने अमर प्रजापति से 8 लाख में खाते खरीदे थे। इसके बाद इन खातों को गुरप्रीत सिंग उर्फ चिंटू ने दिल्ली के समीर मिर्जा को 9 लाख में बेच दिया। इन 8 आरोपियों में एक के पास 15-15 खाते मिले हैं।