महाराष्ट्र एवं गोवा में अब लगाई जाएगी ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की दुकान

राज्य में वनधन विकास केन्द्रों द्वारा 130 से भी अधिक उत्पाद तैयार

कवर्धा में लगाया जा रहा शहद प्रसंस्करण का संयंत्र

उत्पादों की गुणवत्ता के लिए कानपुर के विशेषज्ञ सलाहकारों की ली जा रही मदद

छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के अन्य राज्यों में भी अब ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के उत्पादों की मांग होने लगी है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के उत्पाद की शुद्धता एवं गुणवत्ता के चलते छत्तीसगढ़ से बाहर महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य में भी इसके विक्रय के लिए दुकानें लगाई जाएगी। जहां छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद आसानी से उपलब्ध होंगे। इस तरह अब छत्तीसगढ़ हर्बल की धूम देश के अन्य राज्यों तक पहुंच रही है।

गौरतलब है कि ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्राड के अंतर्गत राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केन्द्रों द्वारा उत्पादित 130 से भी अधिक उत्पाद है और कलेक्टर सेक्टर के अंतर्गत कार्यरत स्व सहायता समूह के 90 से भी ज्यादा उत्पाद हैं। ये उत्पाद अभी छत्तीसगढ़ में 32 संजीवनी दुकानों, धनवंतरी दुकानों, सी.एस.सी दुकानों, अमेजन, फ्लिपकार्ट के माध्यम से बाजार में उपलब्ध है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने विपणन के क्षेत्र में एक नयी उपलब्धि हासिल की है। अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद महराष्ट्र एवं गोवा राज्य में भी दुकानों में विकय के लिए उपलब्ध होंगे।

इस दिशा में नेचरो मेडेक्स प्रा. लि. पुणे का चयन संघ द्वारा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के उत्पादों को महराष्ट्र एवं गोवा राज्य में विपणन के लिए प्रथम चरण में किया जा चुका है। अन्य राज्यों से भी निजी निवेशकर्ता और वितरक ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के उत्पाद की राज्य में सफलता को देखते हुए अपनी रूचि प्रदर्शित कर रहे हैं, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने भारत के विभिन्न प्रदेशों से विपणन के लिए राज्य स्तरीय संवितरकों की इच्छुक पार्टियों से रूचि आमंत्रित की हैं।
महाराष्ट्र एवं गोवा में राज्य स्तरीय संवितरक के चयन के फलस्वरूप अब वहां के निवासियों को ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड की अनमोल शुद्धता का आनंद नजदीकी रिटेल दुकानों से प्राप्त करने का लाभ मिलेगा। देश के अन्य राज्यों में भी संवितरक की पहचान/संवितरक के चयन की प्रक्रिया कमिक रूप से जारी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में देश में ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की बढ़ती हुए मांग को देखते हुए वन धन विकास केंद्रों के विकास एवं आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी है।

इस संबंध में प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला ने बताया कि कवर्धा वन धन विकास केंद्र में शहद प्रसंस्करण के लिए एक नया संयंत्र लगाया जा रहा जा रहा है। इसी तरह आसना जगदलपुर में नवीन उन्नत काजू प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जा रही है। धमतरी के दुगली में एलोविरा उत्पादों को बनाने के लिए तथा बरोण्डा, रायपुर में प्रीमियम जामुन जूस को बनाने के लिए इकाईयों की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार अन्य वन धन विकास केंद्र इकाईयों में आई.आई.टी कानपुर के विशेषज्ञ सलाहकारों की राय लेकर सुधार किया जा रहा है एवं आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिससे कि उत्पादों की उच्च स्तरीय गुणवत्ता अनवरत बनी रहे।

छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अंतर्गत विगत दो वर्षों से दीपावली के अवसर पर गिफ्ट पैक बाजार में लाया जा रहा है। इस बार भी छत्तीसगढ़ के लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद आकर्षक पैकेजिंग में उपलब्ध होते हैं, जिसमें गुणवत्ता और शुद्धता की गारंटी है। ये गिफ्ट पैकेट शीघ्र संजीवनी दुकानों, बड़े निजी रिटेल दुकानों, सी मार्ट, अमेजन, फ्लिपकार्ट के माध्यम से विक्रय हेतु उपलब्ध हो होंगे।

वनोपज से बने हर्बल उत्पाद

‘छत्तीसगढ़ हर्बल’ ब्रांड में छत्तीसगढ़ के वनों से आदिवासी महिलाओं द्वारा संग्रहित और उनसे तैयार किए गए उत्पादों का विक्रय किया जाता है, जिसका उद्देश्य आदिवासियों एवं अन्य वनवासियों का सामाजिक और आर्थिक उत्थान है। हर्बल ब्रांड में भृंगराज तेल, नीम तेल, हर्बल साबुन, च्यवनप्राश, शुद्ध शहद, सेनेटाइजर, हर्बल हवन सामग्री, बीज तेल, आंवला जूस, बेल शर्बत, जामुन जूस, महुआ आर.टी.एस, महुआ स्क्वैश, हर्बल कॉफ़ी, आंवला लच्छा, अचार, पाचक, कैंडी, बेल मुरब्बा, चाय उपलब्ध हैं। जबकि महुआ के लड्डू, जैम, कुकीज़, अचार, चिक्की, चंक्स और इमली के ब्रिक्स, कैंडी, कौंचपाक, इमली सॉस एवं जामुन चिप्स, मसाला गुड़ पाउडर एवं आयुर्वेद चूर्ण के विभिन्न उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है।

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