हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के कारण लिवर का बीमार हो जाना आम है। हेपेटाइटिस के 5 वायरस हैं और इसे ए, बी, सी, डी और ई नाम दिया गया है। महामारी के इस दौर में कोरोना और हेपेटाइटिस के मरीजों के बीच कनेक्शन को समझना जरूरी है।
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी कहती है, हेपेटाइटिस-बी और सी के मरीजों में अगर कोरोना का संक्रमण हुआ तो हालत बेहद नाजुक बन सकती है। मौत का खतरा बढ़ता है। इतना ही नहीं, कोविड के कई मरीजों में कोरोना उनके लिवर को अस्थायी तौर पर डैमेज कर देता है। इसलिए लिवर के मरीज और स्वस्थ लोगों, दोनों को इसका ख्याल रखना जरूरी है।लिवर और कोरोना की बात इसलिए क्योंकि आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे है। चूंकि, हेपेटाइटिस के वायरस 5 तरह के होते हैं, इसलिए इनके संक्रमण का तरीका और लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। डॉ. शेट्टी कहते हैं, कोरोना से संक्रमित कई ऐसे मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हुए, जिनका लिवर अस्थायी तौर पर डैमेज हो चुका था। इसकी सटीक वजह सामने नहीं आ पाई है, लेकिन लिवर फंक्शन टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई है। ऐसे मरीजों की हालत नाजुक होने का खतरा ज्यादा रहता है।लिवर के मरीजों में कोरोना की वैक्सीन लगने पर अब तक कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। इसलिए ऐसे मरीजों को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए, ताकि रिस्क को कम किया जा सके। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें, मास्क लगाएं और अल्कोहल से दूरी बनाएं।
हेपेटाइटिस का कौन सा वायरस ज्यादा जानलेवा
इसके पांचों वायरस में से सबसे ज्यादा खतरनाक हेपेटाइटिस-बी और सी को माना जाता है। बी का संक्रमण होने पर लापरवाही की तो लिवर सिरोसिस और कैंसर का खतरा बढ़ता है। अगर गर्भवती महिला इससे संक्रमित है, बच्चा भी इससे ग्रसित हो सकता है।वहीं, हेपेटाइटिस-सी का संक्रमण होने के बाद लक्षण गंभीर अवस्था में दिखाई देते हैं। इसलिए लिवर को बीमार होने से रोकने के लिए हर जरूरी सावधानी बरतनी जरूरी है। लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह से ब्लड टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट कराकर इस इन्फेक्शन का पता लगा सकते हैं।
लिवर शरीर का जरूरी अंग क्यों है?
कनैडियन लिवर फाउंडेशन के मुताबिक, लिवर शरीर के लिए 500 तरह के काम करता है। इसमें शरीर को एनर्जी देना, इन्फेक्शन और टॉक्सिन से बचाना, खून का थक्का जमने में मदद करना और हार्मोन को कंट्रोल करना जैसे प्रमुख काम शामिल हैं।
इसलिए मनाया जाता है हेपेटाइटिस-डे
हेपेटाइटिस ग्रीक शब्द हेपर और आइटिस से मिलकर बना है। हेपर का मतलब है यकृत और आइटिस का अर्थ है सूजन। यानी लिवर में सूजन की बीमारी। हेपेटाइटिस-बी वायरस की खोज करने वाले वैज्ञानिक बरुच ब्लमबर्ग के जन्मदिवस के दिन यानी 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस साल इसकी थीम है, हेपेटाइटिस कांट वेट। इसका मतलब है हेपेटाइटिस के मरीजों को महामारी में भी जांच और इलाज कराने में देरी नहीं करनी चाहिए।