छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरम है। इस बीच पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर कहा कि, चंगाई सभा से धर्मांतरण नहीं होता। उसमें सिर्फ ईसाई समाज के लोग आते हैं। धर्मांतरण का कारण आर्थिक गरीबी है। घर वापसी गैर राजनीतिक हो तो मैं घर वापसी के साथ हूं। सरगुजा में सिंहदेव ने कहा कि, लोग अब इस स्थिति में नहीं हैं कि वे स्वीकार करें की और धर्मांतरण हो। धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए। एक सीमा के अंदर सभी धर्म के लोग अपने धर्म का पालन करें। धर्मगुरूओं से कई बार बात की है और कहा है कि, धर्मांतरण होता है तो लोग रिएक्ट करेंगे। घर वापसी में शामिल होने में संकोच नहीं टीएस सिंहदेव ने कहा कि, पहले अमरकंटक के बाबाजी से धर्मांतरण को लेकर बात हुई थी। उस समय भी मैंने घर वापसी को लेकर कहा था। जैसा दिलीप सिंह जूदेव कराया करते थे, राजनीति से हटकर अगर सामाजिक क्षेत्र में ऐसे काम कराते हैं, तो मुझे भी शामिल होने में संकोच नहीं है। धर्मांतरण को लेकर दुष्प्रचार से चिंता सिंहदेव ने कहा कि, प्रलोभन से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। बाबा साहब अंबेडकर जी ने जीवन के अंतिम पड़ाव में बौद्ध धर्म अपनाया। आज की स्थिति में धर्मांतरण को लेकर दुष्प्रचार हो रहे हैं। इस पर चिंता भी होती है। मुख्यमंत्री ने ईसाई समाज को लेकर बात की है। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के सर्वे में बताया गया है कि ईसाई समाज की प्रतिशत जनसंख्या देश में घटी है। धर्मांतरण न हो इसके लिए सामाजिक स्तर पर, धार्मिक स्तर पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए कि यह स्थिति क्यों आ रही है। धर्मांतरण को रोकने के लिए सभी की जवाबदेही है कि कुरीतियों से आगे आने का समय आ चुका है।

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *